उत्तराखंड

Rudraprayag: घोलतीर में मिनी बस हादसे से मचा कोहराम, हाईवे की सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

Mini bus accident in Gholthir causes chaos, questions raised on the safety of the highway

रुद्रप्रयाग, 27 जून 2025: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में गुरुवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया। यह हादसा बदरीनाथ हाईवे के घोलतीर इलाके में हुआ, जहां यात्रियों से भरी एक मिनी बस गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में कई यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह स्थान रुद्रप्रयाग मुख्यालय से मात्र 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

डेंजर जोन में हादसा, NH विभाग की लापरवाही उजागर

स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस हादसे के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग (एनएच) को जिम्मेदार ठहराया है। बदरी-केदार मंदिर समिति के उपाध्यक्ष विजय कप्रवाण और पूर्व जिला पंचायत सदस्य नरेंद्र बिष्ट ने कहा कि जिस स्थान पर यह हादसा हुआ है, वह पहले से ही ‘डेंजर जोन’ के रूप में चिन्हित है। यहां आए दिन भूस्खलन की घटनाएं होती हैं, लेकिन इसके बावजूद सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए। राजमार्ग किनारे बनाए गए पैराफिट की गुणवत्ता भी बेहद खराब बताई जा रही है।

पुलिस ने चालक के खिलाफ दर्ज किया मुकदमा

हादसे के तुरंत बाद रुद्रप्रयाग पुलिस ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया। पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रल्हाद कोंडे ने बताया कि प्रारंभिक जांच में वाहन चालक की लापरवाही और वाहन में संभावित तकनीकी खराबी को हादसे का मुख्य कारण माना जा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए कोतवाली रुद्रप्रयाग में भारतीय न्याय संहिता की धारा 125, 106 और 281 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

मुख्यमंत्री धामी ने दिए सख्त निर्देश

हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यात्रियों और प्रदेशवासियों से पर्वतीय मार्गों पर यात्रा के दौरान विशेष सतर्कता बरतने की अपील की है। साथ ही, उन्होंने परिवहन विभाग और जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि पर्वतीय क्षेत्रों में चलने वाले सार्वजनिक वाहनों की नियमित जांच की जाए। खतरनाक मोड़ों और ढलानों पर चेतावनी संकेतक, पैराफिट और सुरक्षा रेलिंग की व्यवस्था को मजबूत किया जाए।

सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अब और लापरवाही नहीं चलेगी

इस हादसे ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देना बेहद जरूरी है। जब तक विभागीय लापरवाही पर लगाम नहीं लगेगी और सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू नहीं किया जाएगा, तब तक इस तरह की घटनाएं दोहराई जाती रहेंगी।

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