मॉरीशस प्रधानमंत्री का चार दिवसीय उत्तराखंड दौरा समाप्त, भारत–मॉरीशस रिश्तों को मिली नई ऊर्जा
Mauritius Prime Minister's four-day Uttarakhand visit ends, India-Mauritius relations get new energy

देहरादून: मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीन चंद्र रामगुलाम का चार दिवसीय उत्तराखंड प्रवास सोमवार को संपन्न हुआ। जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें विदाई दी और चारधाम का पावन प्रसाद तथा प्रदेश के अंब्रेला ब्रांड ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ के विशेष उत्पाद स्मृति स्वरूप भेंट किए। इस अवसर पर दोनों नेताओं ने भारत और मॉरीशस के बीच ऐतिहासिक सांस्कृतिक रिश्तों को और मजबूत बनाने पर सहमति जताई।
सीएम धामी का स्वागत और संदेश
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि डॉ. रामगुलाम की यह यात्रा भारत और मॉरीशस के बीच सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ करेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत की पहचान वैश्विक स्तर पर लगातार मजबूत हो रही है और यह दौरा दोनों देशों के बीच परस्पर सहयोग का नया अध्याय जोड़ेगा।
प्राकृतिक सौंदर्य से हुए मंत्रमुग्ध
अपने प्रवास के दौरान डॉ. रामगुलाम और उनकी पत्नी वीणा रामगोपाल ने ऋषिकेश और हरिद्वार का भ्रमण किया। गंगा तट की शांति और हिमालय की सुरम्यता ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया। उन्होंने उत्तराखंड की समृद्ध परंपरा, आध्यात्मिकता और प्राकृतिक सुंदरता की भूरि-भूरि प्रशंसा की। आगमन पर स्थानीय महिलाओं ने पारंपरिक गीत गाकर और माथे पर तिलक लगाकर उनका स्वागत किया, साथ ही उन्हें तुलसी की माला भेंट की गई।
सुरक्षा और व्यवस्थाएं
दौरे के दौरान सुरक्षा के विशेष इंतज़ाम किए गए। ढालवाला से नरेंद्रनगर बाईपास तक का क्षेत्र जीरो ज़ोन घोषित किया गया था, जिससे प्रधानमंत्री का काफिला सुरक्षित रूप से अपने गंतव्य तक पहुंच सके। काफिला गुजरने के बाद ही यातायात सामान्य किया गया।
पर्यटन और सांस्कृतिक रिश्तों को बढ़ावा
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस यात्रा से उत्तराखंड में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को नया प्रोत्साहन मिलेगा। उत्तराखंड सरकार का मानना है कि मॉरीशस जैसे देशों के साथ सांस्कृतिक रिश्तों की मजबूती राज्य में विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करेगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल देगी।
मजबूत भविष्य की ओर संकेत
डॉ. रामगुलाम ने उत्तराखंड की आतिथ्य परंपरा के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह अनुभव उनके लिए अविस्मरणीय रहेगा। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत और मॉरीशस की साझा सांस्कृतिक विरासत भविष्य में दोनों देशों के बीच व्यापार, शिक्षा और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में गहरे सहयोग का मार्ग प्रशस्त करेगी।
मॉरीशस प्रधानमंत्री का यह दौरा न केवल दोनों देशों की मित्रता को और मजबूत बनाता है, बल्कि उत्तराखंड को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आध्यात्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।