
मुंबई: सोमवार, 4 नवंबर को भारतीय शेयर बाजार में अमेरिकी चुनावों की अनिश्चितता और आय में मंदी के चलते व्यापक बिकवाली का सामना करना पड़ा। इस बिकवाली के कारण सेंसेक्स और निफ्टी 50 में 1% से अधिक की गिरावट आई, जबकि मिड और स्मॉल-कैप इंडेक्स में 2% तक की कमी देखी गई। इसके परिणामस्वरूप बाजार पूंजीकरण में लगभग ₹6 लाख करोड़ की गिरावट आई।
सेंसेक्स 79,724.12 के पिछले बंद स्तर के मुकाबले 79,713.14 पर खुला, लेकिन बाद में यह 1% की गिरावट के साथ 78,836.99 के स्तर तक चला गया। निफ्टी 50 ने भी अपने पिछले बंद स्तर 24,304.35 के मुकाबले 24,315.75 पर शुरुआत की, लेकिन इसे 24,017.10 के स्तर तक गिरने का सामना करना पड़ा। इसके अलावा, बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी 2% तक की गिरावट आई। बीएसई-सूचीबद्ध फर्मों का कुल बाजार पूंजीकरण पिछले सत्र के ₹448 लाख करोड़ से घटकर लगभग ₹442 लाख करोड़ रह गया, जिससे निवेशकों को एक ही सत्र में लगभग ₹6 लाख करोड़ का नुकसान हुआ।
सेक्टरल प्रदर्शन में गिरावट
आज के सेक्टोरियल सूचकांकों में निफ्टी ऑयल एंड गैस, मीडिया, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और रियल्टी में 2-3 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। वहीं, निफ्टी बैंक, ऑटो, एफएमसीजी, मेटल और पीएसयू बैंक में एक-एक प्रतिशत की कमी आई। यह स्थिति दर्शाती है कि विभिन्न क्षेत्रों में मंदी का डर निवेशकों के मन में गहराता जा रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार की अस्थिरता अमेरिकी चुनावों की अनिश्चितता और वैश्विक आर्थिक मंदी के संकेतों के बीच बाजार में काफी चिंता पैदा कर रही है। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे अपने निवेश को विविधीकृत करें और सतर्क रहें, क्योंकि बाजार में इस प्रकार की गिरावटें कभी-कभी अवसर भी पैदा कर सकती हैं।