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वैष्णो देवी मार्ग पर भीषण भूस्खलन, 32 श्रद्धालुओं की मौत, 44 ट्रेनें रद्द, राहत कार्य जारी

Massive landslide on Vaishno Devi route, 32 devotees died, 44 trains cancelled, relief work continues

जम्मू-कश्मीर के कटरा में स्थित वैष्णो देवी धाम जाने वाला मार्ग रविवार सुबह एक बड़े भूस्खलन की चपेट में आ गया। भारी बारिश के बीच हुए इस हादसे में अब तक 32 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई दर्जन लोग घायल हैं। अचानक गिरी चट्टानों और मिट्टी के ढेर ने पूरे इलाके में अफरा-तफरी मचा दी।

मृतकों की सूची जारी, परिवारों पर टूटा दुख

प्रशासन ने मृतकों की सूची जारी कर दी है, जिसमें जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और बिहार के श्रद्धालु शामिल हैं। परिजनों को तत्काल राहत राशि देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस त्रासदी ने देशभर में शोक की लहर फैला दी है और कई परिवारों पर गहरा दुख टूट पड़ा है।

बारिश बनी आपदा का कारण

पिछले कई दिनों से जम्मू क्षेत्र में लगातार बारिश हो रही थी। मौसम विभाग ने पहले ही भूस्खलन और बादल फटने की आशंका जताई थी। रविवार को तेज बारिश के बाद अचानक पहाड़ी से भारी बोल्डर और मिट्टी खिसककर मार्ग पर आ गिरे। उस समय बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए कटरा से आगे बढ़ रहे थे, जिससे कई लोग मलबे में दब गए।

रेल और सड़क यातायात प्रभावित

भूस्खलन के बाद हालात बिगड़ने पर रेलवे ने एहतियातन 44 ट्रेनों को रद्द कर दिया। कटरा और आसपास की कई सड़कों को भी सुरक्षा कारणों से अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया। श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात आंशिक रूप से बाधित हुआ है। यात्रियों की सुविधा के लिए प्रशासन ने अतिरिक्त बस सेवाएं शुरू करने का निर्णय लिया है।

बचाव अभियान तेज

एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना की टीमें हेलीकॉप्टर और आधुनिक उपकरणों की मदद से राहत कार्य चला रही हैं। चिन्यालीसौड़ और उधमपुर से विशेष दल मौके पर पहुंचे हैं। ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल करके मलबे में फंसे लोगों को ढूंढा जा रहा है। अब तक 70 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती किया गया है।

पीएम और गृहमंत्री ने जताया दुख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को पचास हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। गृहमंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट कर कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर प्रशासन के साथ मिलकर स्थिति पर नजर रख रही है।

स्थानीय लोगों और संगठनों की मदद

कटरा और आसपास के गांवों के लोग भी प्रशासन की मदद कर रहे हैं। कई स्वयंसेवी संस्थाओं ने भोजन, पानी और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था की है। मौके पर मौजूद श्रद्धालुओं ने भी राहत दलों के साथ मिलकर घायलों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।

विशेषज्ञों की चेतावनी और सरकार की अपील

भूगर्भ वैज्ञानिकों का मानना है कि पहाड़ी क्षेत्रों में अनियंत्रित निर्माण और ढलानों पर लगातार दबाव ऐसी आपदाओं का खतरा बढ़ा रहा है। विशेषज्ञों ने वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराने और सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करने की सलाह दी है। वहीं, जम्मू-कश्मीर सरकार ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि फिलहाल यात्रा स्थगित रखें और केवल प्रशासन की अनुमति के बाद ही मार्ग पर आगे बढ़ें।

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