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29 मार्च 2025: साल का पहला सूर्य ग्रहण, जानें ज्योतिषीय और वैज्ञानिक महत्व

March 29, 2025: First solar eclipse of the year, know the astrological and scientific importance

हरिद्वार: 29 मार्च 2025 को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। ज्योतिषीय दृष्टि से यह ग्रहण बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इस दिन शनि अमावस्या और शनि गोचर भी पड़ रहा है। यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और मीन राशि एवं भाद्रपद नक्षत्र में लगेगा। हालांकि, यह भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा

भारत में नहीं होगा सूर्य ग्रहण का असर

ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज त्रिपाठी के अनुसार, चूंकि यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए यहां किसी भी प्रकार के सूतक या धार्मिक नियमों का पालन अनिवार्य नहीं होगा। मंदिर भी खुले रहेंगे और दैनिक पूजा-पाठ सामान्य रूप से जारी रहेगा। हालांकि, ग्रहण के प्रभाव को देखते हुए कुछ लोग एहतियात के तौर पर सावधानी बरत सकते हैं

ग्रहण का ज्योतिषीय प्रभाव

  • उच्च पदस्थ व्यक्तियों पर प्रभाव: यह ग्रहण आम नागरिकों पर सीधा प्रभाव नहीं डालेगा, लेकिन सत्ता में बैठे लोगों और बड़े पदों पर आसीन व्यक्तियों पर इसका असर हो सकता है।
  • राजनीतिक उथल-पुथल: ग्रहण के दौरान सत्ता परिवर्तन के योग बन सकते हैं और राजनीतिक अस्थिरता बढ़ सकती है।
  • दुर्घटनाओं की संभावना: इस दौरान हादसों की संख्या बढ़ सकती है, इसलिए यात्रा करते समय विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है

सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें?

ग्रहण के दौरान न करें:
देवी-देवताओं की मूर्तियों को न छुएं।
भोजन करने से परहेज करें।
सोने से बचें।
गर्भवती महिलाएं घर से बाहर न निकलें।
अत्यधिक भागदौड़ और नकारात्मक स्थानों पर जाने से बचें।

ग्रहण के दौरान करें:
भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।
ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करें और दान-पुण्य करें।
ध्यान और साधना में समय बिताएं।

भारत में ग्रहण के समय और स्थान

भारतीय समयानुसार यह सूर्य ग्रहण दोपहर 2:20 बजे शुरू होगा, 4:17 बजे अपने चरम पर पहुंचेगा और शाम 6:43 बजे समाप्त होगा। यह एशिया, अफ्रीका, यूरोप, अटलांटिक महासागर, आर्कटिक, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका में दिखाई देगा

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सूर्य ग्रहण क्या है?

वैज्ञानिक रूप से सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है, जिससे सूर्य का कुछ या पूरा हिस्सा ढक जाता है। इस दौरान सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक पूरी तरह या आंशिक रूप से नहीं पहुंचता। यह खगोलीय घटना अमावस्या के दिन ही होती है।

29 मार्च 2025 का यह आंशिक सूर्य ग्रहण ज्योतिषीय और वैज्ञानिक दोनों ही दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। हालांकि, इसका भारत में कोई प्रभाव नहीं होगा, फिर भी लोग धार्मिक और आध्यात्मिक उपायों को अपनाकर इस अवधि को शुभ बना सकते हैं।

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