
रेवाड़ी, 4 अप्रैल 2025 — हरियाणा के रेवाड़ी जिले के भालखी माजरा गांव में शुक्रवार को शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। हजारों लोगों की मौजूदगी में, उनके पिता सुशील यादव ने नम आंखों से बेटे को मुखाग्नि दी। सिद्धार्थ का पार्थिव शरीर सुबह 9 बजे रेवाड़ी पहुंचा, जिसे पहले उनके सेक्टर-18 स्थित घर ले जाया गया, जहां परिजनों और स्थानीय लोगों ने अंतिम दर्शन किए। इसके बाद पूरे सम्मान के साथ उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसमें गांव और आसपास के क्षेत्रों से हजारों लोग शामिल हुए। मां ने बेटे का माथा चूमा और बहन खुशी का रो-रोकर बुरा हाल था।
देश के वीर सपूत थे सिद्धार्थ यादव
28 वर्षीय सिद्धार्थ यादव भारतीय वायुसेना में फ्लाइट लेफ्टिनेंट के पद पर तैनात थे। वह रेवाड़ी के सेक्टर-18 में रहते थे और हाल ही में 23 मार्च 2025 को उनकी सगाई हुई थी। पूरा परिवार उनकी शादी की तैयारियों में जुटा था, जो 2 नवंबर 2025 को होनी थी। लेकिन ड्यूटी के प्रति समर्पण और देश की रक्षा के लिए उन्होंने अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।
गुजरात में हादसे ने बदली जिंदगी
2 अप्रैल 2025 को गुजरात के जामनगर में एक हवाई हादसे में सिद्धार्थ शहीद हो गए। भारतीय वायुसेना का जगुआर लड़ाकू विमान तकनीकी खराबी के कारण क्रैश हो गया था। सिद्धार्थ ने अपने साथी पायलट मनोज कुमार को सुरक्षित इजेक्ट कराया, लेकिन खुद विमान को आबादी से दूर ले जाने की कोशिश में शहीद हो गए। उनकी वीरता और साहस की पूरे देश में चर्चा हो रही है।
देशसेवा की विरासत को आगे बढ़ा रहे थे सिद्धार्थ
सिद्धार्थ देशभक्ति की परंपरा वाली चौथी पीढ़ी के सैनिक थे। उनके परदादा बंगाल इंजीनियर्स, दादा पैरामिलिट्री फोर्स, और पिता सुशील यादव भारतीय वायुसेना में सेवाएं दे चुके हैं। इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, सिद्धार्थ ने 2016 में NDA परीक्षा पास की और कठिन प्रशिक्षण के बाद एक फाइटर पायलट बने। दो साल पहले उन्हें फ्लाइट लेफ्टिनेंट के पद पर प्रमोशन मिला था।
टूट गया शादी का सपना, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
सिद्धार्थ की शादी से पहले ही उनके सपने अधूरे रह गए। उनके पिता ने बेटे की शादी के लिए रेवाड़ी में नया घर बनवाया था, जो अब सूना पड़ा है। परिवार, जो शादी की तैयारियों में लगा था, अब अपने लाल को खोने के गम में डूबा हुआ है।
श्रद्धांजलि और सम्मान
सिद्धार्थ यादव की शहादत को पूरे देश ने सलाम किया। उनके बलिदान ने देशभक्ति और कर्तव्यनिष्ठा की नई मिसाल कायम की। उनका परिवार और पूरा देश उनकी वीरता को हमेशा याद रखेगा।