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केदारनाथ: महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बनी विधानसभा, एक बार फिर महिला विधायक पर जताया भरोसा

Kedarnath: Vidhansabha becomes a symbol of women empowerment, once again trust is expressed on women MLA

केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र ने एक बार फिर महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश की है। हाल ही में हुए उपचुनाव में भाजपा की उम्मीदवार आशा नौटियाल ने शानदार जीत दर्ज की, जो इस क्षेत्र की जनता के महिलाओं पर भरोसे को और मजबूत करता है। यह जीत इसलिए भी खास है क्योंकि केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र का इतिहास बताता है कि यहां महिलाओं ने हमेशा से सियासत में अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखी है।

महिला विधायक का सफर: शुरुआत से सफलता तक

केदारनाथ विधानसभा सीट पर पहला चुनाव साल 2002 में हुआ। तब भाजपा ने आशा नौटियाल को अपना उम्मीदवार बनाया था। उन्होंने कांग्रेस की शैलारानी रावत को बड़े अंतर से हराकर इतिहास रचा और इस सीट की पहली महिला विधायक बनीं। 2007 के चुनाव में भी जनता ने आशा नौटियाल पर भरोसा जताया और उन्हें फिर से विधानसभा भेजा।

इसके बाद 2012 में कांग्रेस की शैलारानी रावत ने जीत हासिल की, जिससे यह साबित हुआ कि जनता का झुकाव महिलाओं की ओर ही है। 2017 में हालांकि पुरुष उम्मीदवार मनोज रावत ने पहली बार इस सीट पर जीत दर्ज की, लेकिन 2022 में एक बार फिर महिला उम्मीदवार शैलारानी रावत ने भाजपा के टिकट पर जीत हासिल कर यह साबित कर दिया कि यहां महिलाओं का दबदबा बरकरार है।

महिलाओं का दबदबा: 6 चुनावों में 5 बार महिलाओं की जीत

केदारनाथ विधानसभा में अब तक कुल छह बार चुनाव हुए हैं, जिनमें से पांच बार महिला उम्मीदवार विजयी रही हैं। यह दर्शाता है कि यहां की जनता महिला नेतृत्व को प्राथमिकता देती है। 2022 में शैलारानी रावत की जीत ने यह सिलसिला जारी रखा।

आशा नौटियाल की उपचुनाव में जीत

शैलारानी रावत के निधन के बाद केदारनाथ में हुए उपचुनाव में भाजपा ने एक बार फिर आशा नौटियाल पर भरोसा जताया। क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता और सशक्त छवि के चलते यह तय माना जा रहा था कि वह चुनाव जीतेंगी। उन्होंने बड़ी जीत दर्ज करते हुए क्षेत्र की पहली और अब दोबारा विधायक बनने का गौरव प्राप्त किया।

महिला वोटर्स की महत्वपूर्ण भूमिका

केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में कुल 90,875 मतदाता हैं, जिनमें 45,956 महिला मतदाता हैं। यह आंकड़ा स्पष्ट करता है कि यहां महिलाओं का वोट निर्णायक भूमिका निभाता है। महिला मतदाताओं ने हर बार महिला उम्मीदवारों पर अपना भरोसा जताया है, जिससे यह क्षेत्र महिलाओं की सियासी ताकत का प्रतीक बन गया है।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में नया अध्याय

केदारनाथ विधानसभा का यह इतिहास दर्शाता है कि महिलाएं राजनीति में न केवल आगे आ रही हैं, बल्कि जनता का विश्वास भी जीत रही हैं। आशा नौटियाल की जीत से यह साफ है कि इस क्षेत्र में महिला नेतृत्व का भविष्य उज्ज्वल है।

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