उत्तराखंड

नैनीताल में चिंतन शिविर 2025 स्थगित, पीएम मोदी के संभावित दौरे की अटकलें तेज़

Chintan Shivir 2025 in Nainital postponed, speculations rife about possible visit of PM Modi

देहरादून: उत्तराखंड सरकार द्वारा 11 से 13 सितंबर को नैनीताल में आयोजित होने वाले चिंतन शिविर को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। शासन की ओर से जारी आदेश में इसे “अपरिहार्य कारणों” से स्थगित बताया गया है। हालांकि राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इस फैसले के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संभावित राज्य दौरे की भूमिका अहम है।


तीन दिवसीय शिविर की थी योजना

नैनीताल स्थित उत्तराखंड प्रशासन अकादमी में आयोजित होने वाला यह तीन दिवसीय शिविर राज्य के वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों और जिलाधिकारियों के लिए एक रणनीतिक मंच के रूप में तैयार किया गया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में विभागवार प्रस्तुतिकरण (प्रेजेंटेशन) पेश किए जाने थे। अचानक स्थगन से अधिकारियों की तैयारियों पर रोक लग गई है।


2022 से शुरू हुई परंपरा

उत्तराखंड में चिंतन शिविर की शुरुआत 2022 में हुई थी। पहली बार इस मंच पर राज्य के ब्यूरोक्रेट्स ने नीतिगत सुधार और नई दिशा पर मंथन किया था। सफल पहल के बाद इसे हर साल आयोजित करने की योजना बनी। इस बार का शिविर “सामाजिक-आर्थिक प्रगति और भविष्य के लक्ष्य” (Socio-Economic Progress and Future Goals) थीम पर केंद्रित था।


पीएम मोदी दौरे की चर्चा

हालांकि शासन ने स्थगन के कारण स्पष्ट नहीं किए हैं, लेकिन राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 सितंबर को राज्य दौरे पर आ सकते हैं। उनकी संभावित यात्रा के चलते यह निर्णय लिया गया है। दौरे में पीएम मोदी आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी कर सकते हैं।


सामाजिक-आर्थिक और पर्यावरणीय विषय प्रमुख

शिविर में शहरों के रूपांतरण (Transforming Cities), गतिशीलता (Mobility), शासन और सतत जीवन (Governance and Sustainable Living), ग्रामीण उद्यमिता, पर्यटन, वेलनेस, युवा रोजगार और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन जैसे मुद्दों पर गहन चर्चा होने वाली थी। नीति आयोग के विशेषज्ञ, उद्योग जगत के प्रतिनिधि और सरकारी अधिकारियों की भागीदारी से योजनाओं में व्यावहारिक और नवीन विचार शामिल किए जाने थे।


अधिकारी और विभाग तैयार

मुख्य सचिव आनंद वर्धन के पत्र के बाद विभाग अपनी प्रस्तुतियां तैयार कर चुके थे। अधिकारियों का मानना था कि यह शिविर आने वाले वर्षों की रणनीति तय करने में अहम भूमिका निभाएगा। स्थगन से उनकी तैयारी फिलहाल रुक गई है, लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही नई तारीख जारी होगी।


नीतिगत सुधार और राज्य विकास में अहम मंच

विशेषज्ञों के अनुसार चिंतन शिविर पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के लिए महत्वपूर्ण है। यह पलायन, प्राकृतिक आपदा, रोजगार और बुनियादी ढांचे की चुनौतियों से निपटने के लिए सामूहिक मंथन का अवसर देता है। स्थगन के बावजूद यह माना जा रहा है कि शिविर भविष्य में राज्य की सामाजिक-आर्थिक नीतियों का रोडमैप तैयार करने में निर्णायक साबित होगा।

फिलहाल, 2025 का चिंतन शिविर स्थगित होने से अधिकारियों में निराशा है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के संभावित दौरे के कारण इसे जरूरी कदम माना जा रहा है। नई तारीख जल्द ही घोषित होने की संभावना है।

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