उत्तराखंड

यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामला, 21 सितंबर की परीक्षा निरस्त, तीन महीने में दोबारा होगी परीक्षा

UKSSSC paper leak case: September 21 exam cancelled, re-exam to be held in three months

उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी (Uttarakhand Subordinate Service Selection Commission) पेपर लीक मामले ने नई करवट ले ली है। आयोग ने 11 अक्टूबर 2025 को 21 सितंबर को आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा को निरस्त करने का फैसला किया। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि परीक्षा तीन महीने के भीतर दोबारा आयोजित की जाएगी, ताकि परीक्षा की शुचिता, गोपनीयता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।

आयोग के अनुसार, 9 अप्रैल 2025 को स्नातक स्तरीय पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की गई थी। इसके तहत असिस्टेंट रिव्यू ऑफिसर, पटवारी, लेखपाल और ग्राम विकास/पंचायत अधिकारी समेत 416 पदों के लिए परीक्षा 21 सितंबर को पूरे प्रदेश में आयोजित की गई थी। परीक्षा शुरू होने के बाद करीब 1.30 बजे सोशल मीडिया पर कुछ प्रश्नपत्र के स्क्रीन शॉट वायरल हो गए।

आयोग ने तुरंत इस मामले की सूचना देहरादून एसएसपी को दी और कार्रवाई के लिए प्रेषित किया। प्रारंभिक जांच के आधार पर 22 सितंबर 2025 को रायपुर थाने में मामला दर्ज किया गया। इसके बाद, 27 सितंबर 2025 को राज्य सरकार ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के सेवानिवृत जज यूसी ध्यानी की अध्यक्षता में एक सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया। आयोग ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी, जिसे अध्ययन करने के बाद आयोग ने परीक्षा निरस्त करने का निर्णय लिया।


पेपर लीक का घटनाक्रम

परीक्षा के दौरान आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज, बहादुरपुर जट, हरिद्वार सेंटर से प्रश्नपत्र लीक हुआ। मुख्य आरोपी खालिद ने परीक्षा शुरू होने के आधे घंटे बाद वॉशरूम में जाकर पेपर के तीन पेजों की तस्वीरें क्लिक की और अपनी बहन साबिया को भेजे। साबिया ने इन सवालों को प्रोफेसर सुमन को भेजा, जिन्होंने पुलिस को नहीं बल्कि उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष बॉबी पंवार को जानकारी दी। इसके बाद यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिससे प्रदेश में हड़कंप मच गया।

पुलिस ने जांच करते हुए प्रोफेसर सुमन और साबिया से पूछताछ की। खालिद प्रारंभ में फरार था, लेकिन बाद में उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया।


आयोग का संदेश

आयोग ने स्पष्ट किया कि परीक्षा निरस्तीकरण का उद्देश्य केवल दोषियों को सजा देना नहीं है, बल्कि पूरे परीक्षा तंत्र की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाए रखना भी है। आयोग ने कहा कि भविष्य में परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा और निगरानी और कड़ी होगी।

 

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