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भारत बना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, IMF रिपोर्ट में जापान को पीछे छोड़ने की पुष्टि

India becomes the fourth largest economy in the world, IMF report confirms it has overtaken Japan

नई दिल्ली: भारत ने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में एक और बड़ा मुकाम हासिल कर लिया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट (अप्रैल 2025) के अनुसार, भारत 2025 में जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

IMF के अनुमान के अनुसार, भारत की नॉमिनल जीडीपी 2025 में 4.187 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी, जो कि जापान की अनुमानित 4.186 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी से थोड़ी अधिक होगी। यह मामूली अंतर भारत को जापान से आगे ले जाएगा और वैश्विक अर्थव्यवस्था में उसकी स्थिति और मजबूत करेगा।

2024 में था पांचवें स्थान पर

2024 तक भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था, लेकिन 2025 में वह चौथे स्थान पर काबिज हो जाएगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत की यह प्रगति यहीं नहीं रुकेगी — 2028 तक भारत जर्मनी को पछाड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में बढ़ रहा है।

2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी

IMF की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की GDP 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर को पार कर जाएगी और 2028 तक यह 5.58 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। इस दौरान जर्मनी की GDP 5.25 ट्रिलियन डॉलर पर रह जाएगी।

टॉप 10 वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में भारत का दबदबा

2025 की टॉप 10 अर्थव्यवस्थाओं में भारत का चौथा स्थान उसे विश्व मंच पर और भी मजबूत करेगा। रिपोर्ट के मुताबिक:

  • अमेरिका: 30.5 ट्रिलियन डॉलर (1st)
  • चीन: 19.2 ट्रिलियन डॉलर (2nd)
  • जर्मनी: 4.74 ट्रिलियन डॉलर (3rd)
  • भारत: 4.18 ट्रिलियन डॉलर (4th)
  • जापान: 4.18 ट्रिलियन डॉलर से थोड़ा कम (5th)

इसके बाद यूके, फ्रांस, इटली, कनाडा और ब्राजील क्रमशः छठे से दसवें स्थान पर रहेंगे।

भारत की स्थिर विकास दर

हालांकि IMF ने 2025 के लिए भारत की विकास दर 6.5% से घटाकर 6.2% कर दी है, लेकिन रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की ग्रोथ अब भी अपेक्षाकृत स्थिर है। इसका बड़ा कारण है ग्रामीण इलाकों में निजी खर्च में वृद्धि

नई वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में भारत की अहम भूमिका

IMF ने चेताया कि पिछले 80 वर्षों की आर्थिक व्यवस्था में बदलाव हो रहा है और एक नई आर्थिक व्यवस्था का आगाज हो रहा है। ऐसे समय में भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था इस बदलाव की मुख्य धुरी बन सकती है।

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