देहरादून, 17 दिसंबर 2024: जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में मंगलवार को कलेक्ट्रेट स्थित ऋषिपर्णा सभागार में “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” योजना की जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आयोजित हुई। बैठक में महिला सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग के कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई।
बालिकाओं की शिक्षा और सुरक्षा पर फोकस
जिलाधिकारी सविन बंसल ने बाल विकास विभाग को निर्देश दिया कि ऐसी योजनाओं पर कार्य करें जो भविष्य में रोल मॉडल साबित हों। उन्होंने कहा कि 10-18 वर्ष की ड्रॉपआउट बालिकाओं की शिक्षा से जुड़ाव के लिए घर-घर सर्वे किया जाए और उनकी समस्याओं की पूर्ण पड़ताल कर समाधान निकाला जाए।
महत्वपूर्ण योजनाओं को मिली स्वीकृति
- शैक्षणिक प्रेरणा कार्यक्रम:
- 11वीं और 12वीं कक्षा की बालिकाओं को साइंस सिटी, एफआरआई और देहरादून जू का शैक्षिक भ्रमण कराया जाएगा।
- बालिकाओं को मोटिवेशनल मूवी दिखाई जाएगी।
- ड्रॉपआउट बालिकाओं का पुनः प्रवेश:
- डोईवाला, विकासनगर और सहसपुर ब्लॉक के बोक्सा जनजाति क्षेत्र की ड्रॉपआउट बालिकाओं की पहचान कर उन्हें स्कूलों में पुनः प्रवेश दिलाया जाएगा।
- बालिकाओं को स्कूल फीस, ड्रेस, स्टेशनरी और स्वच्छता किट दी जाएगी।
- इच्छुक बालिकाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।
- नुक्कड़ नाटक और वॉल पेंटिंग:
- कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह रोकथाम, घरेलू हिंसा संरक्षण और महिलाओं के अधिकारों पर नुक्कड़ नाटक आयोजित किए जाएंगे।
- बालिकाओं द्वारा “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” पर वॉल पेंटिंग करवाई जाएगी। उत्कृष्ट कार्य करने वाली बालिकाओं को सम्मानित किया जाएगा।
- जागरूकता रैली:
- 500 बालिकाओं की सहभागिता के साथ “हम हैं शक्ति” नामक रैली निकाली जाएगी।
- प्रचार-प्रसार सामग्री:
- शी डायरी, टेबल कैलेंडर, शी कैप और शी बैज के माध्यम से योजनाओं का प्रचार किया जाएगा।
- डे-केयर क्रैच सुविधा (पालना):
- कामकाजी माताओं के लिए पालना सुविधा की व्यवस्था की जाएगी, ताकि वे अपने बच्चों की देखभाल के साथ रोजगार में प्रभावी योगदान दे सकें।
बैठक में मौजूद अधिकारी
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, अपर नगर आयुक्त बीर सिंह बुदियाल, मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद ढौंडियाल, जिला कार्यक्रम अधिकारी जितेंद्र कुमार, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र अंजली रावत सहित कई अधिकारी और समिति के सदस्य उपस्थित रहे।
“बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” के तहत नई योजनाओं को मिली मंजूरी, बालिकाओं के सशक्त भविष्य पर जोर।