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शीतलहर से निपटने की तैयारियों पर अहम बैठक: रैन बसेरों और अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश

Important meeting on preparations to deal with cold wave: Instructions to ensure arrangements for night shelters and bonfires

देहरादून: उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन, आनंद स्वरूप ने शीतलहर से निपटने की तैयारियों के लिए सभी तेरह जिलों के अधिकारियों के साथ शनिवार को एक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में रैन बसेरों और अलाव की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने और जरूरतमंदों की मदद के लिए व्यापक दिशा-निर्देश दिए गए।

मुख्य बिंदु:

  1. रैन बसेरों की व्यवस्था:
    • सभी जनपद पर्याप्त संख्या में रैन बसेरे संचालित करें। आवश्यकता पड़ने पर उनकी संख्या बढ़ाई जाए।
    • रैन बसेरों में साफ-सफाई और आवश्यक सुविधाएं, जैसे हीटर, गर्म पानी की रॉड, बिस्तर और कंबल उपलब्ध कराए जाएं।
  2. अलाव की व्यवस्था:
    • प्रमुख चौक-चौराहों, बस और रेलवे स्टेशनों सहित सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने की व्यवस्था की जाए।
  3. आर्थिक सहायता:
    • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रत्येक जिले को शीतलहर से निपटने के लिए ₹10 लाख की राशि पहले ही जारी की जा चुकी है। जिलों को निर्देशित किया गया कि इस राशि का उपयोग जनहित में किया जाए।
  4. जरूरतमंदों की सहायता:
    • सीएसआर फंड से व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और संस्थानों को मदद के लिए प्रेरित करें।
    • गैर सरकारी संगठनों और आम नागरिकों को गर्म कपड़े, कंबल और भोजन सामग्री दान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।

बर्फबारी प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष निर्देश:

  • बर्फबारी से प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक राशन और सामग्री का स्टॉक तैयार किया जाए।
  • अवरुद्ध मार्गों को खोलने के लिए जेसीबी, स्नो कटर और अन्य उपकरणों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
  • सड़कों पर चूने और नमक का छिड़काव कर पाले के प्रभाव को कम किया जाए।

निराश्रित पशुओं और गर्भवती महिलाओं पर विशेष ध्यान:

  • आवारा और निराश्रित पशुओं के लिए आश्रय स्थल चिन्हित किए जाएं।
  • गर्भवती महिलाओं का विवरण संकलित कर आपातकालीन चिकित्सा सहायता सुनिश्चित की जाए।
  • रैन बसेरों के स्थानों की जानकारी पब्लिक अनाउंसमेंट और अन्य माध्यमों से साझा की जाए।

सामूहिक प्रयास की अपील:

श्री आनंद स्वरूप ने कहा कि जनहित और राहत कार्यों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सभी जिलाधिकारी आपसी समन्वय से कार्य करें। साथ ही, उन्होंने रैन बसेरों और अलाव के स्थानों की जानकारी यूएसडीएमए को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

संवेदनशीलता और तत्परता के साथ, शीतलहर से प्रभावित लोगों और पशुओं की मदद को प्राथमिकता दी जाएगी।

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