
मुंबई, 24 जून 2025: कारोबारी सप्ताह की शुरुआत भारतीय शेयर बाजार के लिए निराशाजनक रही। सोमवार को घरेलू बाजार लाल निशान पर बंद हुए। वैश्विक स्तर पर बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव, खासकर अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते टकराव और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी ने निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया।
बीएसई सेंसेक्स 511 अंक गिरकर 81,896.79 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 0.56% की गिरावट के साथ 24,971.90 पर बंद हुआ। इससे पहले, बाजार की शुरुआत भी कमजोर रही थी। सेंसेक्स ने दिन की शुरुआत 704 अंकों की गिरावट के साथ की थी, जबकि निफ्टी भी 24,939.75 पर खुला।
कौन से शेयर रहे प्रभाव में?
सोमवार के सत्र में निफ्टी पर ट्रेंट, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, अडाणी एंटरप्राइजेज और अडाणी पोर्ट्स के शेयरों में बढ़त देखी गई। ये कंपनियां टॉप गेनर्स की सूची में शामिल रहीं।
वहीं दूसरी ओर, इंफोसिस, एलएंडटी, हीरो मोटोकॉर्प, एमएंडएम और एचसीएल टेक जैसे शेयरों में गिरावट आई, जिससे बाजार को भारी नुकसान झेलना पड़ा। आईटी सेक्टर में गिरावट का प्रमुख कारण अंतरराष्ट्रीय आईटी कंपनी एक्सेंचर में भारी बिकवाली रही, जिसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा।
सेक्टोरल और मिडकैप प्रदर्शन
आईटी, एफएमसीजी, ऑटो और बैंकिंग सेक्टर में 0.5% से 1% तक की गिरावट रही। दूसरी ओर, मीडिया, मेटल और कैपिटल गुड्स सेक्टरों ने 0.5% से लेकर 3.5% तक की बढ़त दर्ज की। मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक हरे निशान में रहे, जिसमें बीएसई मिडकैप 0.2% और स्मॉलकैप 0.6% चढ़ा।
तेल और मुद्रा बाजार की स्थिति
अमेरिका द्वारा ईरान पर हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आई है। इसका असर घरेलू मुद्रा बाजार पर भी पड़ा, जहां रुपया 16 पैसे गिरकर 86.75 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
सोमवार को भारतीय बाजार पर वैश्विक घटनाओं का स्पष्ट असर देखा गया। तेल की कीमतें, भू-राजनीतिक तनाव और आईटी सेक्टर में कमजोरी बाजार को नीचे ले गए। निवेशकों की नजर अब आगामी अंतरराष्ट्रीय घटनाओं और आर्थिक संकेतकों पर बनी रहेगी।