संपादकीय

भारत में मीडिया के गिरते हुए स्तर के कितने पहलू

Media Neutrality, An Analysis on the Impact of Social Media.

भारत में मीडिया के गिरते हुए स्तर के कई पहलू हैं, जो समाज और लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं। इनमें से कुछ प्रमुख मुद्दे निम्नलिखित हैं:

1. पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग: कई बार मीडिया घरानों पर आरोप लगता है कि वे राजनीतिक पार्टियों, कॉरपोरेट्स, या अन्य ताकतवर संस्थाओं के प्रभाव में आकर रिपोर्टिंग करते हैं। निष्पक्ष और स्वतंत्र पत्रकारिता का अभाव देखने को मिलता है।

2. फेक न्यूज़ और सनसनीखेज़ पत्रकारिता: सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफार्मों के विस्तार के साथ, फेक न्यूज़ का प्रसार एक बड़ी समस्या बन गया है। कई मीडिया संस्थान टीआरपी बढ़ाने के लिए सनसनीखेज़ खबरों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जिससे सही और प्रामाणिक जानकारी की कमी हो जाती है।

3. एथिकल पत्रकारिता का अभाव: पत्रकारिता में नैतिक मूल्यों का ह्रास हुआ है। कई मीडिया संस्थान अपनी व्यावसायिक जरूरतों के कारण उन मुद्दों पर ध्यान नहीं देते जो जनता के लिए महत्वपूर्ण हैं।

4. प्रेस की स्वतंत्रता पर खतरा: कई पत्रकारों और मीडिया घरानों को सरकार या अन्य संस्थाओं की आलोचना करने पर प्रताड़ित किया जाता है। प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर भी सवाल उठते रहते हैं।

5. कार्पोरेट और राजनीतिक प्रभाव: बड़े कॉरपोरेट घरानों और राजनीतिक शक्तियों का मीडिया पर नियंत्रण बढ़ रहा है, जिससे स्वतंत्र पत्रकारिता कमजोर हो रही है और एजेंडा-ड्रिवन रिपोर्टिंग बढ़ रही है।

ये सब मिलकर भारत में मीडिया के गिरते हुए स्तर की तस्वीर पेश करते हैं, जो लोकतांत्रिक मूल्यों और समाज की प्रगति के लिए गंभीर चुनौती बन सकते हैं।

 

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