
देहरादून: उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर हादसों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। चारधाम यात्रा के दौरान एक और हेलीकॉप्टर दुर्घटना होते-होते बच गई। 7 जून को रुद्रप्रयाग जिले के बडासू क्षेत्र में एक हेलीकॉप्टर को तकनीकी खराबी के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। हेलीकॉप्टर ने सिरसी हेलीपैड से केदारनाथ के लिए उड़ान भरी थी, जिसमें पायलट समेत 6 लोग सवार थे। इस क्रैश लैंडिंग में सभी यात्री सुरक्षित रहे, हालांकि पायलट को हल्की चोटें आई हैं।
पायलट की सूझबूझ से बची जानें
हेलीकॉप्टर के अचानक तकनीकी खराबी का शिकार होने के बाद पायलट ने बडासू के पास सड़क पर सुरक्षित लैंडिंग करवा दी। पायलट की समझदारी से न केवल हेलीकॉप्टर में सवार यात्रियों की जान बची, बल्कि एक बड़ी दुर्घटना भी टल गई। हालांकि, सड़क किनारे खड़ी एक कार और एक दुकान को इस लैंडिंग के दौरान नुकसान पहुंचा है।
लगातार हो रहे हादसों पर सवाल
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के महज 40 दिनों में यह चौथा हेलीकॉप्टर हादसा है। इससे पहले 8 मई को उत्तरकाशी में ट्रांस एविएशन कंपनी के हेलीकॉप्टर क्रैश में 6 लोगों की जान चली गई थी। उसके बाद 13 मई को ऊखीमठ में तकनीकी खराबी के चलते हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई। फिर 17 मई को ऋषिकेश AIIMS का हेलीकॉप्टर भी केदारनाथ के निकट क्रैश हुआ, हालांकि उसमें भी कोई जनहानि नहीं हुई।

मानकों की अनदेखी बनी चिंता का कारण
लगातार हो रही घटनाओं के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या हेलीकॉप्टर सेवाएं संचालित करने वाली कंपनियां सुरक्षा मानकों का पालन कर रही हैं? डीजीसीए ने सभी मामलों में जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन हर नए हादसे के बाद यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंता और गहराती जा रही है।
डीजीसीए ने दिए जांच के निर्देश
7 जून की ताजा घटना के बाद डीजीसीए ने तुरंत कार्रवाई करते हुए जांच के आदेश दिए हैं। जांच के तहत यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि हादसे के पीछे तकनीकी गड़बड़ी थी या मानवीय लापरवाही।
यात्रियों में दहशत, सरकार पर उठे सवाल
लगातार हो रही घटनाओं से यात्रियों में भय व्याप्त है। चारधाम यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवाओं पर निर्भर रहने वाले श्रद्धालु अब इन सेवाओं को लेकर आशंकित हो गए हैं। राज्य सरकार और केंद्र की एजेंसियों पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इन घटनाओं से कोई सबक क्यों नहीं लिया जा रहा है।
निष्कर्ष
उत्तराखंड में हो रहे हेलीकॉप्टर हादसे कहीं न कहीं व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं। यात्रियों की सुरक्षा के लिए मजबूत नियंत्रण तंत्र और कड़े निरीक्षण की आवश्यकता अब पहले से कहीं अधिक महसूस की जा रही है।