पिथौरागढ़ में भारी बारिश से हाहाकार, सड़कें बंद, आदि कैलाश यात्रा स्थगित
Heavy rains cause havoc in Pithoragarh, roads closed, Adi Kailash Yatra postponed

पिथौरागढ़: उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ में मानसून का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मानसून सीजन में जिले में कुल मिलाकर सामान्य से थोड़ी कम बारिश दर्ज हुई है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में हुई तेज़ बरसात ने आपदा जैसी स्थिति उत्पन्न कर दी है। रविवार देर रात की भारी बारिश से जिले के कई प्रमुख मार्गों पर मलबा आ गया, जिससे यातायात ठप हो गया और आम जनजीवन प्रभावित हुआ।
सड़कें बंद और मार्ग अवरुद्ध
रविवार रात की बारिश के बाद पिथौरागढ़ में 24 से अधिक सड़कें बंद हो गई हैं। थल-पिथौरागढ़ मोटर मार्ग थल से 600 मीटर आगे मलबा आने के कारण अवरुद्ध हो गया। थल-बेरीनाग मार्ग पर बरड बैंड के पास भूस्खलन से यातायात रुक गया। थह पावर हाउस तक जाने वाली नहर भी प्रभावित हुई। पांखू-कोटमन्या मार्ग पर प्रेमनगर के पास मलबा आने से रास्ता बंद पड़ा, जबकि थल-लेजम मार्ग पर सड़क की दीवार टूटने से गोल गांव में मकान तक मलबा पहुंच गया। जौलजीवी-धारचूला मार्ग और आदि कैलाश मार्ग भी भूस्खलन की चपेट में आए। राहत कार्य के लिए मशीनें तैनात हैं, लेकिन लगातार बारिश से कार्य प्रभावित हो रहा है।
आदि कैलाश यात्रा का दूसरा चरण टला
लगातार खराब मौसम और मार्ग अवरुद्ध होने के कारण आदि कैलाश यात्रा का दूसरा चरण फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। यह चरण 15 सितंबर से शुरू होना था। धारचूला के एसडीएम जितेंद्र वर्मा ने बताया कि मौसम विभाग के ऑरेंज और येलो अलर्ट को देखते हुए यात्रा 17 सितंबर तक टाल दी गई है। दिल्ली से आए 65 वर्षीय चंद्रनारायण अग्रवाल और उनकी पत्नी 63 वर्षीय ममता अग्रवाल पहले ही पिथौरागढ़ पहुंच चुके हैं, जबकि दो स्थानीय यात्री भी शामिल होने वाले थे। सुरक्षा कारणों से इनर लाइन परमिट अभी जारी नहीं किए गए हैं।
प्रशासन और आपदा प्रबंधन की तैयारी
मौसम विभाग ने उत्तराखंड के कई जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है। भूस्खलन और चट्टानें गिरने का खतरा बरकरार है। जिला प्रशासन ने यात्रियों और टूर ऑपरेटरों से अपील की है कि वे यात्रा की योजना बनाने से पहले मौसम और मार्ग की ताजा जानकारी जरूर लें। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी भूपेंद्र महर ने बताया कि 19 ग्रामीण सड़कें, 2 बीआरओ मार्ग और 2 राज्य मार्ग बंद हैं। मार्ग खोलने के लिए संबंधित विभागों को आदेश दे दिए गए हैं और राहत कार्य जारी है।
बारिश के आंकड़े और स्थिति
उत्तराखंड में मानसून के दौरान अब तक 1,322.1 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 21% अधिक है। पिथौरागढ़ जिले में 1,358.1 मिमी बारिश हुई है, जो औसत से लगभग 4% कम है। बावजूद इसके, कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश ने आपदा जैसी स्थिति उत्पन्न कर दी है। प्रशासन और राहत एजेंसियां लगातार कार्यरत हैं, लेकिन मौसम की मार से हालात सामान्य होने में अभी समय लग सकता है।
पिथौरागढ़ में लगातार हो रही तेज बारिश और भूस्खलन ने स्थानीय निवासियों और यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। प्रशासन की कोशिशें जारी हैं, लेकिन पर्यटकों और आम जनता को सतर्क रहने की आवश्यकता है।