Blogदेश

नवंबर से मिड-दिसंबर तक भारत में 35 लाख शादियों का सीजन, 4.25 लाख करोड़ रुपए का भारी खर्च, पिछले साल से 3 लाख अधिक शादियां

Compared to last year, the number of weddings has increased by 3 lakh this year, which has also increased the expenditure estimate. In 2023, 32 lakh weddings took place and Rs 3.75 lakh crore was spent

भारत में शादी का सीजन एक बार फिर जोरों पर है, और इस बार आंकड़े चौंकाने वाले हैं। नवंबर से मिड-दिसंबर 2024 के बीच लगभग 35 लाख शादियों का आयोजन होने का अनुमान है, जिसके चलते भारतीय अर्थव्यवस्था में 4.25 लाख करोड़ रुपए का भारी खर्च होने की उम्मीद है। यह आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले कहीं अधिक है, जब 2023 की इसी अवधि में लगभग 32 लाख शादियां हुई थीं।

क्यों इतना बड़ा खर्च?

 

भारतीय शादियों में पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ-साथ भव्यता और धूमधाम का खासा महत्व होता है। बड़े पैमाने पर आयोजित होने वाली ये शादियां न केवल परिवारों के लिए खास होती हैं, बल्कि अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को भी प्रभावित करती हैं। शादी से जुड़े कई उद्योग जैसे कि फूड, फैशन, वेन्यू डेकोरेशन, ज्वैलरी, ट्रैवल और एंटरटेनमेंट में भारी निवेश होता है।

खर्च में हो रहा लगातार इजाफा

 

पिछले साल के मुकाबले इस साल शादियों की संख्या में 3 लाख का इजाफा हुआ है, जिससे खर्च का अनुमान भी बढ़ा है। 2023 में जहां 32 लाख शादियां हुई थीं और 3.75 लाख करोड़ रुपए खर्च हुए थे, वहीं इस साल यह खर्च 4.25 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई, लक्जरी वेडिंग्स की बढ़ती मांग, और भव्य आयोजन इस बढ़े हुए खर्च के प्रमुख कारण हैं।

प्रमुख उद्योगों को मिलेगा बड़ा फायदा

 

ज्वैलरी उद्यो: भारतीय शादियों में ज्वैलरी का खास महत्व होता है। इस सीजन में ज्वैलरी खरीददारी में जबरदस्त उछाल देखने को मिलेगा।

फैशन और वस्त्र उद्योग: पारंपरिक से लेकर डिज़ाइनर वेडिंग आउटफिट्स की मांग तेजी से बढ़ रही है।

वेन्यू और डेकोरेशन: शादी के लिए बेहतरीन वेन्यू की मांग में भी तेजी आ रही है, जिससे होटल, रिसॉर्ट्स और बैंकेट हॉल की बुकिंग बढ़ गई है।

खान-पान और कैटरिंग: बड़ी शादियों में फूड एंड बेवरेजेस पर भी भारी खर्च होता है। इस सीजन में कैटरिंग इंडस्ट्री को बड़ा मुनाफा मिलने की उम्मीद है।

अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव

 

विशेषज्ञों का कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर शादियों से कई छोटे और मध्यम व्यवसायों को भी लाभ मिलेगा। इस शादी सीजन के चलते लाखों रोजगार सृजित होंगे, जिनमें कैटरर्स, फूल वाले, फैशन डिजाइनर्स, और इवेंट प्लानर्स शामिल हैं। इसके अलावा, शादियों से जुड़े अन्य सेक्टर्स में भी तेजी आएगी, जो भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान साबित होगा।

भविष्य की दिशा

 

इस बढ़ते रुझान को देखते हुए, शादी के आयोजनों में डिजिटल और तकनीकी सुविधाओं का भी अधिक प्रयोग हो रहा है, जिससे लोगों को प्लानिंग और खर्चों में सुविधा मिल रही है। इसके अलावा, लक्जरी शादियों का चलन भी तेजी से बढ़ रहा है, जिससे विवाह आयोजन में व्यक्तिगत और अनूठे अनुभवों पर अधिक जोर दिया जा रहा है।

भारत का शादी उद्योग आने वाले समय में और भी विस्तार की ओर बढ़ेगा, जिसमें पारंपरिक और आधुनिक तत्वों का अनूठा संगम देखने को मिलेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button