
नैनीताल: उत्तराखंड के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में शामिल नैनीताल में गर्मियों की दस्तक के साथ ही पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ रही है। प्राकृतिक सौंदर्य, ठंडी हवाएं और झीलों की शांति इसे पर्यटकों की पहली पसंद बनाते हैं। इस बढ़ती भीड़ के साथ स्थानीय होटल और होम स्टे व्यवसाय में भी जबरदस्त तेजी देखी जा रही है। हालांकि, इस पर्यटन उछाल के बीच एक गंभीर समस्या ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है — सैकड़ों होटल और होम स्टे बिना पर्यटन विभाग में पंजीकरण के संचालित हो रहे हैं।
जिला प्रशासन ने कसी कमर
नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना सिंह के निर्देश पर पर्यटन विभाग ने जिले भर में एक व्यापक सर्वेक्षण अभियान शुरू कर दिया है। इस अभियान का उद्देश्य है, बिना पंजीकरण के चल रही पर्यटन इकाइयों की पहचान करना और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करना। विभाग द्वारा शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में संचालित होटलों और होम स्टे की जानकारी जुटाई जा रही है। जानकारी के अनुसार, अवैध रूप से संचालित इकाइयों को सील करने की भी तैयारी की जा रही है।
सरकार चला रही है होम स्टे प्रोत्साहन योजना
राज्य सरकार द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होम स्टे योजना चलाई जा रही है, जिसके अंतर्गत पंजीकृत होम स्टे को वित्तीय सहायता और अन्य लाभ दिए जाते हैं। बावजूद इसके, कई लोग बिना पंजीकरण के होम स्टे चला रहे हैं, जिससे न केवल सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है, बल्कि पर्यटकों की सुरक्षा और सेवा गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है।
पर्यटन विभाग की अपील
पर्यटन विभाग ने सभी होटल और होम स्टे संचालकों से अपील की है कि वे स्वेच्छा से पंजीकरण कराएं, ताकि भविष्य में किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से बचा जा सके। पंजीकरण कराने वाले संचालकों को सरकार की योजनाओं का लाभ भी मिलेगा।
होटल एसोसिएशन का समर्थन
नैनीताल होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय बिष्ट ने भी इस अभियान का समर्थन करते हुए कहा कि अवैध होटलों की वजह से सही तरीके से पंजीकृत होटलों की साख खराब होती है। उन्होंने मांग की कि ऐसे सभी गैर पंजीकृत व्यवसायों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।