
चुनावों के भविष्य को आकार देंगे एआई और साइबर सुरक्षा
मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन पर चुनावी प्रबंधन में तकनीकी प्रगति, सोशल मीडिया, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), और साइबर सुरक्षा की बढ़ती भूमिका पर बल दिया। उन्होंने कहा कि चुनावों का भविष्य इन प्रौद्योगिकियों से मिलने वाले अवसरों और चुनौतियों पर निर्भर करेगा।
‘2024: डेमोक्रेटिक वैल्यूज के लिए निर्णायक साल’
राजीव कुमार ने कहा कि 2024 चुनावी प्रक्रियाओं की पारदर्शिता, कार्यकुशलता और मतदाता विश्वास को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण साल साबित होगा। उन्होंने इलेक्शन मैनेजमेंट बॉडीज से तकनीकी खतरों और फर्जी सूचनाओं से निपटने के लिए रणनीतियों को और सुदृढ़ करने का आग्रह किया।
सम्मेलन की थीम और अंतरराष्ट्रीय भागीदारी
थीम: ‘ग्लोबल इलेक्शन ईयर 2024: डेमोक्रेटिक स्पेसेस की पुनर्पुष्टि’।
भारत के चुनाव आयोग द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में 13 देशों के लगभग 30 प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें भूटान, उज्बेकिस्तान, श्रीलंका, इंडोनेशिया, मॉरीशस, कजाकिस्तान, नामीबिया और नेपाल शामिल थे।
चुनावी प्रक्रियाओं में विश्वास बनाए रखने की अपील
मुख्य चुनाव आयुक्त ने चुनाव प्रक्रिया के खिलाफ फैलाई जाने वाली फर्जी सूचनाओं को लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खतरा बताया। उन्होंने मतदाता विश्वास और चुनावी अखंडता को बनाए रखने के लिए एआई-संचालित प्रक्रियाओं, बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण, ऑनलाइन मतदान, और वैश्विक सहयोग की संभावनाओं पर प्रकाश डाला।
ईवीएम ने भूटान में जीता भरोसा
भूटान के मुख्य चुनाव आयुक्त दाशो सोनम टोपगे ने ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) उपलब्ध कराने के लिए भारत की सराहना की। उन्होंने कहा कि ईवीएम ने भूटान में चुनावी प्रक्रियाओं को अधिक कुशल और पारदर्शी बनाया है।
फर्जी खबरों से निपटने के लिए नवाचार
इंडोनेशिया के चुनाव आयुक्त इदान होलिक ने फर्जी सूचनाओं से लड़ने के लिए एक समर्पित वॉट्सऐप चैनल का उपयोग करने के अपने अनुभव साझा किए। मॉरीशस के मुख्य चुनाव आयुक्त अब्दुल रहमान ने भी फर्जी खबरों और भ्रामक सूचनाओं के खतरों पर प्रकाश डाला।
तकनीक और सोशल मीडिया: अवसर और चुनौतियां
सम्मेलन में तकनीक और सोशल मीडिया के चुनावी प्रक्रियाओं पर प्रभाव पर चर्चा हुई। प्रतिनिधियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से गलत सूचना और फर्जी नैरेटिव को चुनावी अखंडता के लिए एक बड़ी चुनौती बताया।
दूसरे दिन का कार्यक्रम और समापन
शुक्रवार को सम्मेलन के दूसरे दिन ‘चुनावों का भविष्य’ विषय पर सत्र आयोजित होगा। सम्मेलन का समापन ‘परिणाम दस्तावेज/घोषणा’ के साथ किया जाएगा, जिसमें चुनावी प्रबंधन को और सुदृढ़ बनाने की साझा प्रतिबद्धता पर जोर दिया जाएगा।