देहरादून में गणेशोत्सव 2025 का समापन समारोह धूमधाम से सम्पन्न
Ganeshotsav 2025 closing ceremony concluded with great pomp in Dehradun

देहरादून: महाराष्ट्र समाज सेवा समिति, देहरादून की ओर से आयोजित पाँच दिवसीय गणेशोत्सव 2025 का समापन समारोह रविवार को बड़े हर्ष और उल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। पूरे कार्यक्रम का वातावरण धार्मिक आस्था और सामाजिक समरसता से सराबोर रहा। समापन अवसर पर समिति के कार्यकर्ताओं और गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति ने आयोजन को और भी भव्य बना दिया।
स्मारिका 2025 का विमोचन
समापन समारोह की मुख्य विशेषता समिति की स्मारिका 2025 का विमोचन रहा। इस स्मारिका का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. विजय जोगदंडे (IAS) ने किया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र समाज सेवा समिति निरंतर सांस्कृतिक और सामाजिक परंपराओं को सहेजने का कार्य कर रही है। गणेशोत्सव केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना और एकता का प्रतीक है। उन्होंने समिति के प्रयासों की सराहना की और भविष्य में भी इसी तरह समाजहित कार्यों को आगे बढ़ाने की प्रेरणा दी।
उत्कृष्ट कार्यकर्ताओं का सम्मान
गणेशोत्सव के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन और संचालन में सक्रिय योगदान देने वाले सदस्यों को इस अवसर पर सम्मानित किया गया। समिति की ओर से चयनित कार्यकर्ताओं को स्मृति-चिह्न प्रदान किए गए। यह सम्मान समारोह उन लोगों के उत्साह और समर्पण की सराहना का प्रतीक था, जिन्होंने पाँच दिनों तक आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सचिव का धन्यवाद ज्ञापन
समिति के सचिव श्री अनिरुद्ध अजय देशमुख ने समारोह में उपस्थित सभी अतिथियों, समिति के सदस्यों और समाजबंधुओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि गणेशोत्सव जैसे सामूहिक आयोजनों की सफलता समाज के सहयोग और सामूहिक भावना पर आधारित होती है। आयोजन के प्रत्येक चरण में कार्यकारिणी और स्वयंसेवकों ने एकजुट होकर जिम्मेदारी निभाई।
समिति की उपस्थिति
समापन कार्यक्रम में महाराष्ट्र समाज सेवा समिति की पूरी कार्यकारिणी समिति मौजूद रही। इसमें अध्यक्ष श्री हरिभाउ मरकळे, उपाध्यक्ष सौ. मीनल गंधे, सचिव श्री अनिरुद्ध अजय देशमुख, सह-सचिव डॉ. समीर पाटिल, कोषाध्यक्ष डॉ. मंदार केतकर, हिशोबतपासनीस श्री संदीप खानवलकर और सदस्य श्रीमती रेवती करंदीकर, श्री अमोल राउत, श्री दीपक किर्दत, श्रीमती नम्रता बोबडे एवं श्रीमती मेघना तत्ववादी शामिल रहे।
सामाजिक एकता का संदेश
गणेशोत्सव 2025 का यह भव्य समापन केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं रहा, बल्कि समाज में भाईचारे और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण का संदेश भी दे गया। आयोजन में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की सक्रिय भागीदारी ने यह साबित किया कि सामूहिक कार्यक्रम समाज को जोड़ने और नई पीढ़ी को परंपराओं से अवगत कराने का माध्यम बनते हैं।
450 शब्दों के आसपास यह समाचार गणेशोत्सव के समापन समारोह की झलकियों के साथ-साथ समाज की एकता और परंपरा के संरक्षण का भाव स्पष्ट करता है।