उत्तराखंड

भारत में G100 ह्यूमन राइट्स एंड डिग्निटी विंग की शुरुआत, मानवाधिकारों को मिलेगा नया आयाम

G100 Human Rights and Dignity Wing launched in India, human rights will get a new dimension

देहरादून, 9 जुलाई 2025 –मानवाधिकारों और सामाजिक न्याय को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए G100 ने भारत में ह्यूमन राइट्स एंड डिग्निटी विंग की आधिकारिक शुरुआत कर दी है। यह पहल न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर समानता और गरिमा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई है।

क्या है G100?

G100 एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसमें दुनिया भर से 100 प्रेरणादायक महिला नेता, 100 क्षेत्रीय विंग्स, He-for-She चैंपियंस (डेनिम क्लब) और 100 देशों के चेयरपर्सन शामिल हैं। इसका उद्देश्य लैंगिक समानता, सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों को बढ़ावा देना है। यह मंच पुरुषों और महिलाओं को साथ लाकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए काम करता है।

भारत में ह्यूमन राइट्स एंड डिग्निटी विंग की कमान

भारत में इस विंग की जिम्मेदारी डॉ. शिखा अरोड़ा को दी गई है, जो कंट्री चेयरपर्सन के रूप में नेतृत्व करेंगी। वहीं वैश्विक स्तर पर मार्गदर्शन देंगी डॉ. थेरेसा माइकल, जिन्हें “मदर ऑफ ह्यूमन राइट्स” के नाम से जाना जाता है। यह विंग मानवाधिकारों को लेकर जागरूकता फैलाने, शिक्षा और ठोस कार्रवाई के माध्यम से समाज को अधिक समावेशी और न्यायपूर्ण बनाने का कार्य करेगी।

डेनिम क्लब में नई जिम्मेदारी

G100 ने भारत में श्री अवधेश पुंडीर को डेनिम क्लब कंट्री पार्टनर नियुक्त किया है। वह He-for-She चैंपियन के रूप में महिला सशक्तिकरण, समानता और गरिमा के लिए काम करेंगे। डेनिम क्लब G100 का एक विशेष भाग है, जिसमें पुरुष सहयोगी, महिला सशक्तिकरण की दिशा में अपना योगदान देते हैं।

उद्देश्य और मिशन

G100 का उद्देश्य है एक ऐसा समाज बनाना जहां सभी को समान अधिकार, अवसर और सम्मान मिले। इसका मिशन है महिलाओं की सुरक्षा, भागीदारी और सशक्तिकरण को वैश्विक मंच पर प्राथमिकता देना और इसके लिए ठोस नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करना।

भविष्य की कार्ययोजना

भारत में G100 का यह विंग अब जागरूकता अभियान, शैक्षणिक कार्यशालाएं और युवा कार्यक्रमों के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों को जोड़ने की योजना पर कार्य करेगा। इन गतिविधियों के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मानव गरिमा को जीवन का मूलभूत अधिकार माना जाए और हर व्यक्ति को उसके अधिकारों की जानकारी हो।

समाज से आह्वान

G100 ने सभी नागरिकों, संस्थाओं और संगठनों से अपील की है कि वे इस बदलाव की प्रक्रिया का हिस्सा बनें। सभी से आग्रह किया गया है कि वे इस सामाजिक यात्रा में भाग लेकर एक समान, गरिमामयी और न्यायपूर्ण समाज के निर्माण में सहयोग करें।

इस पहल से न केवल मानवाधिकारों की दिशा में एक नया अध्याय शुरू हुआ है, बल्कि यह भारत को वैश्विक मानवाधिकार आंदोलन में एक अग्रणी भूमिका भी देगा।

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