
देहरादून, 11 जून – उत्तराखंड सरकार की अहम कैबिनेट बैठक मंगलवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में राज्य के समग्र विकास और प्रशासनिक सुधारों से जुड़े कुल छह प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, रेखा आर्य, सौरभ बहुगुणा और डॉ. धन सिंह रावत सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
जैव प्रौद्योगिकी परिषद में संशोधन से शोध को मिलेगा बढ़ावा
बैठक में जैव प्रौद्योगिकी परिषद के नियमों में संशोधन को स्वीकृति दी गई। अब परिषद के तहत कार्यरत अनुसंधान कर्मियों के लिए संशोधित सेवा नियमावली लागू की जाएगी। इससे राज्य में जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान को मजबूती मिलेगी और कार्यरत वैज्ञानिकों को स्पष्ट दिशा-निर्देश प्राप्त होंगे।
खनन विभाग में 18 नए पद सृजित
बागेश्वर क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार को देखते हुए खनन निरीक्षण की व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के लिए 18 नए पद स्वीकृत किए गए हैं। इस कदम से न केवल खनन प्रक्रिया पर निगरानी बढ़ेगी, बल्कि पर्यावरणीय नियमों का बेहतर पालन सुनिश्चित किया जा सकेगा।
53 किलोमीटर क्षेत्र को बाढ़ परिक्षेत्र घोषित किया गया
उत्तराखंड बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण अधिनियम, 2012 के अंतर्गत भट्टा फॉल से लेकर आसन बैराज तक लगभग 53 किलोमीटर क्षेत्र को आधिकारिक रूप से बाढ़ परिक्षेत्र घोषित किया गया है। यह निर्णय संभावित आपदाओं के जोखिम को कम करने और राहत कार्यों को बेहतर बनाने में सहायक होगा।
रिस्पना और बिंदाल नदी के किनारे होगा विकास कार्य
देहरादून की दो प्रमुख नदियों – रिस्पना और बिंदाल – के किनारों पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, एलिवेटेड रोड और अन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण को हरी झंडी दी गई है। यह कार्य नदियों की सफाई, अतिक्रमण नियंत्रण और शहरी विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
निरीक्षण भवनों का होगा आधुनिकीकरण
राज्य सरकार ने रानीखेत, उत्तरकाशी, हर्षिल, दुगलबिट्टा और ऋषिकेश में स्थित पीडब्ल्यूडी के निरीक्षण भवनों को पीपीपी मॉडल के तहत अंतरराष्ट्रीय स्तर के गेस्ट हाउस के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
पैरा मेडिकल शिक्षा के लिए नई परिषद का गठन
पैरा मेडिकल कोर्सेज को व्यवस्थित करने के लिए एक नई परिषद के गठन को स्वीकृति दी गई है। यह परिषद राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप पाठ्यक्रम और पंजीकरण प्रक्रियाओं को सुगम बनाएगी।
महिला और बाल विकास को मिलेगा सेस फंड
महिला एवं बाल विकास विभाग को आबकारी से प्राप्त 1% सेस फंड के उपयोग के लिए नियमावली को भी मंजूरी दी गई है। इससे महिला सशक्तिकरण और बाल कल्याण की योजनाएं अधिक प्रभावी ढंग से संचालित की जा सकेंगी।
यह कैबिनेट बैठक राज्य की बुनियादी आवश्यकताओं पर केंद्रित रही और इससे विकास कार्यों को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।