उत्तराखंड

उत्तराखंड में बाढ़ का कहर, सीएम धामी ने लक्सर और खटीमा में लिया हालात का जायजा

Flood wreaks havoc in Uttarakhand, CM Dhami took stock of the situation in Laksar and Khatima

देहरादून: उत्तराखंड में भारी बारिश ने पहाड़ों से लेकर मैदानों तक तबाही मचा दी है। एक ओर पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और बादल फटने की घटनाएं हो रही हैं, तो वहीं मैदानी जिलों में नदियों का उफान जनजीवन अस्त-व्यस्त कर रहा है। हरिद्वार जिले का लक्सर और उधम सिंह नगर का खटीमा इस समय सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में हैं।


लक्सर में गंगा का पानी घुसा, सीएम पहुंचे ट्रैक्टर से

लक्सर में गंगा का पानी कई गांवों में घुस चुका है। घर और खेत जलमग्न हो चुके हैं, जिससे ग्रामीण बेहाल हैं। किसानों की हजारों एकड़ फसल नष्ट हो चुकी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंगलवार को ट्रैक्टर से बाढ़ प्रभावित गांवों में पहुंचे और ग्रामीणों से संवाद किया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसी भी परिवार को संकट में अकेला नहीं छोड़ा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को पांच किलोमीटर लंबे तटबंधों की मरम्मत के लिए तुरंत स्वीकृति देने और राहत सामग्री समय पर पहुंचाने के निर्देश दिए।


खटीमा में शारदा नदी का बढ़ा जलस्तर

उधम सिंह नगर जिले का खटीमा क्षेत्र भी बाढ़ की चपेट में है। नेपाल सीमा से सटे गांवों में शारदा नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। नदी का पानी घरों और खेतों में घुस गया है, जिससे ग्रामीण घरों में कैद हैं। हजारों एकड़ कृषि भूमि और खलियान डूब चुके हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि शारदा नदी लगातार विकराल रूप ले रही है और अगर जल्द ही हालात काबू में नहीं आए तो नुकसान और बढ़ सकता है।


प्रशासन और जनप्रतिनिधि राहत कार्य में सक्रिय

प्रशासन की ओर से उप जिलाधिकारी तुषार सैनी और तहसीलदार वीरेंद्र सजवाण ने मेलाघाट क्षेत्र का दौरा कर स्थिति का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर उनकी जरूरतें जानीं।
वहीं, खटीमा विधायक और उप नेता प्रतिपक्ष भुवन चंद्र कापड़ी ने भी बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया। उन्होंने ग्रामीणों से वादा किया कि शारदा नदी किनारे पीचिंग और तटबंध निर्माण के लिए सरकार और सिंचाई विभाग को अवगत कराया जाएगा।


किसानों और ग्रामीणों की बढ़ी चिंता

लक्सर और खटीमा दोनों क्षेत्रों में फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। किसानों की आजीविका पर संकट गहराने लगा है। ग्रामीणों का कहना है कि इस बार की बाढ़ ने पिछले कई वर्षों की तुलना में अधिक नुकसान पहुंचाया है। घरों में पानी भरने से बच्चों और बुजुर्गों को भारी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं।


मुख्यमंत्री का आश्वासन

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राहत और पुनर्वास कार्यों में किसी भी तरह की कमी नहीं आने दी जाएगी। प्रभावित परिवारों को तुरंत सहायता, राशन और दवाइयां उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने प्रशासन को स्थायी समाधान निकालने के लिए तटबंधों और जलनिकासी व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश भी दिए।

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