महाकुंभ 2025 का भव्य समापन: 66 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान से बना विश्व रिकॉर्ड
Grand finale of Maha Kumbh 2025: World record created by bathing of 66 crore devotees

प्रयागराज: आस्था, आध्यात्म और अद्वितीय भव्यता के प्रतीक महाकुंभ 2025 का ऐतिहासिक समापन हो गया। इस महापर्व ने 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के स्नान के साथ एक नया विश्व रिकॉर्ड बना दिया। यह संख्या अब तक के सभी महाकुंभ आयोजनों में सबसे अधिक है, जिससे यह आयोजन इतिहास के पन्नों में स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो गया।
श्रद्धालुओं का ऐतिहासिक सैलाब
महाकुंभ 2025 में देश-विदेश से लाखों साधु-संत, श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचे। प्रयागराज के संगम तट पर बसे इस अलौकिक मेले में अखाड़ों की भव्य पेशवाई, दिव्य आरती और वैदिक मंत्रोच्चार ने पूरे माहौल को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।
- श्रद्धालुओं की संख्या इस बार 66 करोड़ से अधिक पहुंच गई, जो कि एक विश्व रिकॉर्ड है।
- प्रमुख स्नान पर्वों पर संगम तट पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा।
- विभिन्न अखाड़ों और साधु-संतों के विशेष अनुष्ठानों ने आयोजन की भव्यता को और बढ़ाया।
सुविधाओं और सुरक्षा में रहा बेहतरीन प्रबंधन
महाकुंभ 2025 के सफल आयोजन में उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन का कुशल प्रबंधन देखने को मिला।
- कुंभ नगरी को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया गया।
- स्वच्छता, परिवहन, चिकित्सा और सुरक्षा को लेकर उच्च स्तरीय प्रबंध किए गए।
- ड्रोन और आधुनिक तकनीकों की मदद से भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा सुनिश्चित की गई।
वैश्विक आकर्षण बना महाकुंभ
महाकुंभ 2025 ने दुनियाभर के श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित किया।
- विदेशी मेहमानों, धर्मगुरुओं और शोधकर्ताओं ने इसमें विशेष रुचि दिखाई।
- डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से महाकुंभ के आयोजन को वैश्विक स्तर पर लाइव दिखाया गया।
विश्व रिकॉर्ड के साथ समापन
इस महाकुंभ का समापन संगम तट पर विशेष गंगा आरती और वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ हुआ।
- 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के स्नान ने विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया।
- इस ऐतिहासिक आयोजन को लेकर युनेस्को समेत कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने सराहना की।
महाकुंभ 2025 का यह ऐतिहासिक समापन आस्था और संस्कृति की अद्भुत मिसाल बन गया, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत रहेगा।