Sharad Purnima: आज की रात क्यों मानी जाती है विशेष, श्रीकृष्ण और राधा के पवित्र संबंध से जुड़ी मान्यताएं
Why is this night considered special, beliefs related to the sacred relationship between Shri Krishna and Radha

शरद पूर्णिमा की रात को धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस रात को चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं में पूर्ण होता है, जिससे यह रात्रि अत्यधिक शुभ मानी जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस रात भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के संग वृंदावन में रासलीला रचाई थी। यह रात उनके प्रेम और रास की दिव्यता को समर्पित मानी जाती है।
चंद्रमा की इस शरद रात्रि का वैज्ञानिक और स्वास्थ्य से जुड़ा महत्व भी है। मान्यता है कि चंद्रमा की किरणें औषधीय गुणों से भरपूर होती हैं, जो शरीर और मन को शीतलता प्रदान करती हैं। इसलिए, शरद पूर्णिमा की रात को खीर बनाकर खुले आसमान में रखी जाती है, ताकि चंद्रमा की किरणों का अमृतमय प्रभाव खीर पर पड़े। यह खीर अगले दिन प्रसाद के रूप में ग्रहण की जाती है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी मानी जाती है।
इसके साथ ही, शरद पूर्णिमा पर विशेष व्रत और पूजा-अनुष्ठान किए जाते हैं। श्रद्धालु इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं और धन, वैभव और समृद्धि की कामना करते हैं। कहा जाता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से इस दिन व्रत रखकर मां लक्ष्मी की आराधना करता है, उसे जीवन में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती।
साथ ही, आयुर्वेद में भी इस रात्रि को चंद्रमा की शीतलता और औषधीय गुणों के कारण स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना गया है। शरद पूर्णिमा के महत्व को आध्यात्मिक, धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह रात कई दृष्टियों से अनमोल है।