
व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए हुआ ठगी का शिकार
देहरादून में साइबर ठगों ने शेयर बाजार में भारी मुनाफे का लालच देकर एक रिटायर्ड अकाउंटेंट से 25 लाख रुपये की ठगी कर ली। ठगों ने एक महीने तक अकाउंटेंट से अलग-अलग बहाने बनाकर धनराशि जमा करवाई, लेकिन कोई रिटर्न नहीं दिया। जब उन्हें संदेह हुआ, तो उन्होंने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ऐसे हुआ पूरा फ्रॉड
जीएमएस रोड निवासी विजय गुप्ता ने शिकायत में बताया कि 14 दिसंबर 2024 को उन्हें एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया, जिसमें 102 सदस्य थे। ग्रुप के एडमिन अजय गर्ग ने खुद को एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज लिमिटेड का चीफ इन्वेस्टमेंट अधिकारी बताया और सेबी रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र भी दिखाया।
इसके बाद, पीड़ित को एक एप डाउनलोड करने के लिए कहा गया, जहां से उन्हें ट्रेडिंग करने का मौका दिया गया। कस्टमर केयर के माध्यम से व्हाट्सएप पर ही बैंक डिटेल साझा की गई, और निवेश के लिए धनराशि जमा करने को कहा गया। इस एप पर लाभ और हानि का बैलेंस भी दिखाया जाता था, जिससे पीड़ित को विश्वास हो गया।
रुपए निकालने के लिए ठगों ने बनाए नए बहाने
जब विजय गुप्ता को धनराशि की जरूरत हुई, तो उन्होंने अपने ट्रेडिंग अकाउंट से राशि निकालने की कोशिश की। इस पर उन्हें बताया गया कि पहले कैपिटल गेन टैक्स जमा करना होगा, क्योंकि सेबी की गाइडलाइन के अनुसार इन्वेस्टर के लाभ से टैक्स नहीं काटा जा सकता। मजबूरन उन्होंने टैक्स की राशि भी जमा कर दी, लेकिन फिर भी पैसे नहीं निकाले जा सके।
इसके बाद, ठगों ने नया बहाना बनाते हुए कहा कि सेबी गाइडलाइन के अनुसार बैंक अकाउंट का वेरीफिकेशन होना जरूरी है, जिसके लिए दो लाख रुपये सिक्योरिटी के रूप में जमा करने होंगे। आरोपियों ने 24 दिसंबर 2024 से 23 जनवरी 2025 तक विजय गुप्ता से कुल 25 लाख 56 हजार रुपये जमा करवा लिए।
साइबर क्राइम पुलिस ने दर्ज किया मामला
साइबर क्राइम कंट्रोल के सीओ अंकुश मिश्रा ने बताया कि पीड़ित की शिकायत के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है। उन्होंने कहा कि लोगों को इस तरह की ठगी से बचने के लिए जागरूक रहना चाहिए और किसी भी अनजान लिंक या निवेश योजना पर भरोसा करने से पहले पूरी जांच कर लेनी चाहिए।
सावधानी बरतें, सतर्क रहें, और किसी भी संदिग्ध ऑनलाइन निवेश से बचें।