
देहरादून: उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं को एक और झटका लगा है। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (UERC) ने बिजली दरों में संशोधन करते हुए विभिन्न उपभोक्ता वर्गों के लिए प्रति यूनिट दरों में 10 पैसे से लेकर 65 पैसे तक की वृद्धि की घोषणा की है। नई दरें घरेलू, व्यावसायिक, औद्योगिक और अन्य सभी उपभोक्ताओं पर लागू होंगी, जिससे आम जनता से लेकर उद्योगों तक की लागत में इजाफा तय है।
घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बढ़ोतरी
घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरों में औसतन 33 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई है। खपत के अनुसार दरों में भिन्नता रखी गई है:
- 0 से 100 यूनिट तक: 25 पैसे प्रति यूनिट बढ़ोतरी
- 101 से 200 यूनिट तक: 35 पैसे प्रति यूनिट
- 201 से 400 यूनिट तक: 45 पैसे प्रति यूनिट
- 400 यूनिट से अधिक: 45 पैसे प्रति यूनिट
व्यावसायिक उपयोगकर्ताओं के लिए अलग-अलग दरें
व्यावसायिक उपभोक्ताओं को भी बढ़े हुए दरों का सामना करना पड़ेगा।
- 4 किलोवाट तक बिजली उपयोग करने वालों के लिए 35 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि
- 25 किलोवाट तक खपत वालों के लिए 40 पैसे प्रति यूनिट
- बड़े व्यावसायिक उपभोक्ताओं के लिए 42 पैसे प्रति यूनिट तक की बढ़ोतरी लागू की गई है।
उद्योगों और EV स्टेशनों पर भी असर
छोटे उद्योगों के लिए 36 पैसे, बड़े उद्योगों के लिए 46 पैसे और इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशनों के लिए 65 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई है। यह कदम राज्य में ई-मोबिलिटी को प्रभावित कर सकता है।
हिमालयी क्षेत्रों और संस्थानों पर भी बढ़ा भार
उच्च हिमालयी क्षेत्रों में रहने वाले उपभोक्ताओं के लिए भी दरों में 10 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई है। वहीं, सरकारी कार्यालयों, स्कूलों, कॉलेजों और अस्पतालों को भी 25 किलोवाट तक खपत पर 30 पैसे और उससे अधिक पर 35 पैसे प्रति यूनिट अतिरिक्त देने होंगे।
कृषि आधारित उद्योगों को देना होगा ज्यादा फिक्स चार्ज
आयोग ने फिक्स चार्ज में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया है, लेकिन कुछ कृषि उत्पाद आधारित बड़े उद्योगों पर इसका असर पड़ेगा। ऐसे उद्योगों को अब ₹75 से ₹100 तक फिक्स चार्ज देना होगा।
उत्तराखंड में बिजली दरों में यह संशोधन आम उपभोक्ताओं से लेकर व्यवसायिक संस्थानों और उद्योगों तक सभी पर असर डालेगा। महंगाई की मार से पहले से जूझ रही जनता के लिए यह निर्णय एक और बोझ बनकर आया है, हालांकि आयोग ने तर्क दिया है कि यह बदलाव राज्य की बिजली व्यवस्था को स्थिर और आत्मनिर्भर बनाने के लिए जरूरी है।