
2024 में उत्तराखंड में आए 59 भूकंप, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी
भारत के हिमालयी क्षेत्रों समेत दुनिया भर में लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। हाल ही में 7 जनवरी 2025 को तिब्बत में आए 7.1 तीव्रता के भूकंप ने उत्तराखंड में बड़े भूकंप की आशंका को और बढ़ा दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से अति संवेदनशील जोन 4 और 5 में आता है, जहां बड़े भूकंप आने की संभावना बनी रहती है।
उत्तराखंड में 2024 के दौरान 59 भूकंप दर्ज
वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के अनुसार, उत्तराखंड में साल 2024 के दौरान कुल 59 भूकंप आए। इनमें से:
- 43 भूकंप 2.0 से 3.0 मैग्नीट्यूड के थे।
- 15 भूकंप 3.0 से 3.9 मैग्नीट्यूड के बीच के थे।
- 1 भूकंप 4.1 मैग्नीट्यूड का था, जिसे महसूस किया गया था।
अधिकतर भूकंप उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र, भारत-नेपाल सीमा, पिथौरागढ़, चमोली, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में दर्ज किए गए।
उत्तराखंड में पहले भी आए हैं बड़े भूकंप
- 1991 में उत्तरकाशी में 6.6 तीव्रता का भूकंप आया था।
- 1999 में चमोली जिले में 6.4 तीव्रता का भूकंप दर्ज हुआ था।
- 2007 में खरसाली में 5.0 तीव्रता का भूकंप आया था।
- 2017 में रुद्रप्रयाग जिले में 5.8 तीव्रता के झटके महसूस किए गए थे।
हिमालय क्षेत्र में हर दिन आता है एक भूकंप
वैज्ञानिकों के मुताबिक, भारत के हिमालय बेल्ट में हर दिन औसतन एक भूकंप रिकॉर्ड किया जाता है, हालांकि अधिकांश भूकंप स्लो क्वेक होते हैं, जो लोगों को महसूस नहीं होते। लेकिन 4.0 मैग्नीट्यूड से अधिक के भूकंप ही झटकों के रूप में महसूस किए जाते हैं।
2024 में भारत और दुनिया में आए हजारों भूकंप
- भारत में 2024 में कुल 568 भूकंप रिकॉर्ड किए गए, जिनमें सबसे ज्यादा उत्तराखंड, हिमाचल, असम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में आए।
- पूरी दुनिया में 13,672 भूकंप दर्ज किए गए, जिनमें 10 बड़े भूकंप 7.0 से 7.9 तीव्रता के थे।
2024 के बड़े वैश्विक भूकंप
- 1 जनवरी 2024: जापान के नोटो प्रायद्वीप में 7.5 तीव्रता का भूकंप।
- 2 अप्रैल 2024: ताइवान के हुआलिएन काउंटी में 7.4 तीव्रता का भूकंप।
- 17 दिसंबर 2024: वानुअतु के शेफा में 7.3 तीव्रता का भूकंप।
क्या उत्तराखंड में बड़े भूकंप का खतरा है?
वैज्ञानिकों का मानना है कि उत्तराखंड के सिस्मिक जोन 4 और 5 में स्थित होने के कारण भविष्य में बड़े भूकंप आने की संभावना बनी रहती है। तिब्बत में आए हालिया भूकंप के बाद राज्य में सतर्कता बढ़ा दी गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि भूकंप से बचाव के लिए मजबूत इमारतों और सतर्कता उपायों को अपनाना बेहद जरूरी है।
उत्तराखंड और अन्य हिमालयी क्षेत्रों में किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहना जरूरी है, क्योंकि भूकंप की सटीक भविष्यवाणी करना अब भी मुश्किल बना हुआ है।