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बिहार, नेपाल और पाकिस्तान में भूकंप के झटके, दहशत में लोग

Earthquake jolts Bihar, Nepal and Pakistan, people in panic

पटना समेत बिहार के कई जिलों में भूकंप के झटके

शुक्रवार तड़के बिहार के पटना, भागलपुर, समस्तीपुर और दरभंगा सहित कई जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप देर रात करीब 2:30 बजे आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.1 दर्ज की गई। झटके इतने तेज थे कि कई लोग नींद से जाग गए और घरों से बाहर निकल आए। बिहार में महसूस किए गए भूकंप का केंद्र नेपाल में बताया जा रहा है, जहां इसका असर अधिक देखा गया।

नेपाल के सिंधुपालचौक जिले में था भूकंप का केंद्र

नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र के अनुसार, भूकंप का केंद्र हिमालयी क्षेत्र के सिंधुपालचौक जिले के भैरवकुंडा में था। नेपाल में यह झटका स्थानीय समयानुसार सुबह 2:51 बजे आया। भूकंप का असर नेपाल के पूर्वी और मध्य भागों में ज्यादा महसूस किया गया। झटकों की तीव्रता इतनी थी कि नेपाल के काठमांडू और पोखरा समेत कई इलाकों में लोग घरों से बाहर निकल आए।

भारत और तिब्बत (चीन) के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी भूकंप का प्रभाव महसूस किया गया। हालांकि, अब तक किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं मिली है। प्रशासनिक टीमें स्थिति का आकलन कर रही हैं और नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है, ताकि संभावित आफ्टरशॉक्स से बचा जा सके।

भूकंप के लिए नेपाल अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र

नेपाल भूकंपीय रूप से दुनिया के सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में से एक है। यह क्षेत्र टेक्टोनिक प्लेटों के सक्रिय जोन IV और V में स्थित है, जिससे यहां भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है। 2015 में नेपाल में आए 7.8 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी। इस त्रासदी में 9,000 से अधिक लोगों की जान चली गई थी, जबकि 10 लाख से अधिक इमारतें क्षतिग्रस्त हुई थीं।

पाकिस्तान में भी भूकंप के झटके

नेपाल और बिहार के अलावा पाकिस्तान में भी शुक्रवार सुबह भूकंप आया। सुबह 5:14 बजे महसूस किए गए इस भूकंप की तीव्रता 4.5 दर्ज की गई, जिसे मध्यम स्तर का भूकंप माना जाता है। हालांकि, अब तक वहां भी किसी बड़े नुकसान या हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। स्थानीय प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है।

भूकंप के बाद प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है। वैज्ञानिकों के अनुसार, इस क्षेत्र में भूकंप की संभावना हमेशा बनी रहती है, इसलिए एहतियाती कदम उठाने की आवश्यकता है।

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