
देहरादून: उत्तराखंड में इस बार मॉनसून के समय से पहले पहुंचने की संभावना है। मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि 10 जून के आसपास मानसून दस्तक दे सकता है। इसको देखते हुए राज्य आपदा प्रबंधन विभाग और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) पूरी तरह सतर्क हो गए हैं। चारधाम यात्रा के साथ-साथ पहाड़ी जिलों में जनजीवन को सुरक्षित रखने के लिए विशेष रणनीति बनाई गई है।
हर साल बरसात बनती है आफत, SDRF ने जारी किए डरावने आंकड़े
उत्तराखंड में बरसात का मौसम हर साल राहत के साथ आफत भी लाता है। नदियों का जलस्तर बढ़ने से डूबने की घटनाएं होती हैं और कई लोगों की जान चली जाती है। SDRF के अनुसार, वर्ष 2023 में 236 डूबने की घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 739 लोगों को बचाया गया, जबकि 152 लोगों की जान नहीं बच सकी। वर्ष 2024 में 259 घटनाएं हुईं, जिनमें 916 लोगों को रेस्क्यू किया गया, लेकिन 185 लोगों की मौत हो गई।
SDRF की तैयारियां पूरी, 40 टीमें तैनात
SDRF कमांडेंट अर्पण यदुवंशी ने बताया कि आगामी मॉनसून सीजन को देखते हुए SDRF ने 40 टीमें अत्याधुनिक उपकरणों के साथ तैनात कर दी हैं। ये टीमें पहाड़ी और मैदानी संवेदनशील क्षेत्रों में काम करेंगी। SDRF ने बताया कि 2023-24 के दौरान जल आपदाओं से संबंधित 495 घटनाओं में 1655 लोगों की जान बचाई गई है और 325 शव बरामद किए गए हैं।
मॉकड्रिल और समन्वय से कम की जाएगी आपदा की मारक क्षमता
आपदा के समय लापरवाही न हो इसके लिए SDRF ने जिला प्रशासन और पुलिस के साथ मॉकड्रिल की हैं। भूस्खलन और डूबने वाले स्थानों को चिन्हित कर विशेष निगरानी की व्यवस्था की गई है। SDRF का कंट्रोल रूम 24 घंटे काम करेगा।
चारधाम यात्रा पर भी खास नजर, जेसीबी और मशीनें पहले से तैनात
आईजी गढ़वाल रेंज राजीव स्वरूप ने बताया कि चारधाम यात्रा मार्गों पर भी व्यापक इंतजाम किए गए हैं। भूस्खलन प्रभावित इलाकों में BRO और PWD के साथ समन्वय में जेसीबी मशीनें लगाई गई हैं ताकि रास्ते जल्दी खोले जा सकें। साथ ही मौसम विभाग से लगातार अपडेट लेकर यात्रियों को सतर्क किया जा रहा है।
सरकार का लक्ष्य: सुरक्षित मॉनसून, निर्बाध चारधाम यात्रा
राज्य सरकार और पुलिस विभाग का मुख्य फोकस यह सुनिश्चित करना है कि मॉनसून के दौरान चारधाम यात्रा बाधित न हो और आम जनता की सुरक्षा बनी रहे। सभी संबंधित विभागों—पुलिस, PWD, आपदा प्रबंधन और SDRF—ने आपसी समन्वय से अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं।