उत्तराखंड

चारधाम में दीपावली की रौनक, 12 क्विंटल फूलों से सजा केदारनाथ धाम, बदरीनाथ में होगी कुबेर-लक्ष्मी पूजा

Diwali celebrations in Char Dham, Kedarnath decorated with 12 quintals of flowers, Kubera-Lakshmi puja to be held in Badrinath

देशभर में दीपावली का पर्व जहां हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है, वहीं उत्तराखंड के चारधामों — बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री — में भी दीपोत्सव की रौनक दिखाई देने लगी है। दिवाली को लेकर सभी धामों को फूलों से सजाया गया है और भव्य तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। चारों धामों में भजन-कीर्तन, दीप प्रज्वलन और विशेष पूजन-अर्चना का आयोजन किया जा रहा है, जिससे पूरा पर्वतीय इलाका आध्यात्मिक आभा में नहाया हुआ नजर आ रहा है।

बदरीनाथ धाम में कुबेर-लक्ष्मी पूजा की परंपरा

दीपावली से पहले बदरीनाथ धाम को गेंदे के फूलों से सजाया गया है। दिवाली के दिन यहां भगवान बदरी विशाल के साथ कुबेर और माता लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। इसी दिन मंदिर में ‘खजाना पूजन’ भी होता है, जो सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। दीपावली के अवसर पर बदरीनाथ धाम में दीपोत्सव का आयोजन होगा, जिसमें सैकड़ों दीपों से मंदिर परिसर जगमगाएगा। इसके अलावा भगवान बदरी विशाल को 56 भोग का प्रसाद अर्पित किया जाएगा।

केदारनाथ धाम 12 क्विंटल फूलों से सजा

दीपावली पर्व को लेकर केदारनाथ धाम को 12 क्विंटल रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया है। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने बताया कि दीपोत्सव कार्यक्रम 20 से 23 अक्टूबर तक चलेगा। इस दौरान तीर्थ पुरोहित, हकहकूकधारी और श्रद्धालु मिलकर धाम को दीपों से आलोकित करेंगे। उन्होंने कहा कि दीपावली पर्व और कपाट बंद होने के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना और दीप प्रज्वलन कार्यक्रम होंगे। इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को भी सुदृढ़ किया गया है।

गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में भी दीपोत्सव का उल्लास

गंगोत्री धाम में तीर्थ पुरोहितों ने करीब 8 क्विंटल फूलों से मंदिर का श्रृंगार किया है। मां गंगा की विशेष पूजा-अर्चना दीपावली के दिन की जाएगी। धाम में सैकड़ों दीपक जलाकर मंदिर परिसर को रोशन किया जाएगा। तीर्थ पुरोहित राजेश सेमवाल के अनुसार, दीपावली के बाद 22 अक्टूबर को गंगोत्री धाम के कपाट बंद होंगे और मां गंगा की उत्सव डोली शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव के लिए प्रस्थान करेगी, जहां छह माह तक पूजा होगी।

वहीं यमुनोत्री धाम में भी दीपावली की तैयारियां जोरों पर हैं। मां यमुना के मंदिर में मां लक्ष्मी के साथ विशेष पूजा की जाएगी। तीर्थ पुरोहित विनय उनियाल ने बताया कि 23 अक्टूबर को कपाट बंद होंगे, जिसके बाद मां यमुना की उत्सव डोली अपने भाई शनि महाराज के साथ खरसाली गांव पहुंचेगी। वहां श्रद्धालु सर्दियों के छह महीनों तक दर्शन कर सकेंगे।

कपाट बंद होने की तिथियां

  • गंगोत्री धाम: 22 अक्टूबर, सुबह 11:36 बजे
  • केदारनाथ धाम: 23 अक्टूबर, सुबह 8:30 बजे
  • यमुनोत्री धाम: 23 अक्टूबर, दोपहर 12:30 बजे
  • बदरीनाथ धाम: 25 नवंबर

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