
कांग्रेस पार्टी में इन दिनों टिकटों को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। पार्टी के भीतर इस मुद्दे को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, जिससे पार्टी के भीतर असंतोष का माहौल बन गया है। पार्षद पद के लिए टिकट की मांग करने वाले नेता अब पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं, जिससे पार्टी के अंदर संकट गहरा गया है।
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि पार्टी में टिकटों की खरीद-फरोख्त चल रही है, और यह पार्टी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रही है। टिकटों के लिए पैसों की मांग की जा रही है, और इसी मुद्दे पर पार्टी के भीतर कई नेता एक-दूसरे से भिड़ गए हैं। आरोप यह है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने टिकटों के बदले पैसे की मांग की है, जिसके बाद विवाद और भी गंभीर हो गया है।
इस दौरान पार्टी के भीतर कई नेताओं ने सार्वजनिक रूप से यह बयान दिया कि टिकटों को लेकर हो रहे विवादों से पार्टी की छवि पर असर पड़ रहा है। कुछ नेताओं ने तो यह तक कह दिया कि अगर यही स्थिति रही तो पार्टी की बजाय सिर्फ व्यक्तिगत हितों की पूर्ति हो रही है। एक नेता ने यह आरोप भी लगाया कि “खुद नेता बनो, भांड़ में जाए संगठन और पार्टी।”
यह विवाद पार्टी के लिए चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि ऐसे विवाद पार्टी के भीतर ही असंतोष और गुटबाजी को बढ़ावा देते हैं। पार्टी के नेताओं का आपसी संघर्ष पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों को भी हतोत्साहित कर सकता है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि कांग्रेस को अब अपनी नीति में सुधार लाने और पार्टी के अंदर समन्वय को बनाए रखने की जरूरत है। यदि पार्टी इस विवाद से बाहर निकलने में सफल नहीं होती है, तो इसका सीधा असर आगामी चुनावों पर पड़ सकता है। पार्टी को अब इस मुद्दे को सुलझाने के लिए गंभीर कदम उठाने होंगे।