
हल्द्वानी, उत्तराखंड: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का 83वां जन्मदिन बुधवार को हल्द्वानी में अत्यंत उत्साह और गरिमा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर शहर के विभिन्न इलाकों में कार्यक्रम आयोजित किए गए, लेकिन मुख्य आयोजन अंबेडकर पार्क में “समरसता कार्यक्रम” के रूप में हुआ, जिसमें स्वयं कोश्यारी ने हिस्सा लिया।
इस भव्य आयोजन में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता, बीजेपी कार्यकर्ता और विभिन्न वर्गों के लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का मूल उद्देश्य सामाजिक समरसता और आपसी एकता को बढ़ावा देना था। इस अवसर पर एक सहभोज का भी आयोजन किया गया, जिसमें सभी वर्गों के लोगों ने एक साथ भोजन कर सामाजिक एकता का संदेश दिया।
मुख्यमंत्री धामी की नीतियों की सराहना
अपने संबोधन में कोश्यारी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यों की खुलकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि, “धामी सरकार ने राज्य में 95 प्रतिशत कार्य सही दिशा में किए हैं। शेष कुछ चुनौतियाँ हर प्रशासन में होती हैं, लेकिन कुल मिलाकर उनकी कार्यशैली सराहनीय है।”
उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं धामी की कार्यप्रणाली से संतुष्ट हैं और उनकी नीतियों में पारदर्शिता और जनसेवा का भाव स्पष्ट दिखाई देता है।
समरसता और विकास में संबंध
कोश्यारी ने प्रधानमंत्री के “सबका साथ, सबका विकास” मंत्र को दोहराते हुए कहा कि सामाजिक समरसता के बिना कोई भी सरकार समुचित विकास नहीं कर सकती। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे आयोजनों से समाज में सकारात्मक संदेश जाता है और विभिन्न वर्गों के बीच सामंजस्य स्थापित होता है।
पंचायत चुनावों पर विचार
इस अवसर पर कोश्यारी ने आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि सीटों के आरक्षण और प्रक्रिया को लेकर प्रशासनिक स्तर पर कुछ अड़चनें आई हैं, लेकिन सरकार उन्हें गंभीरता से सुलझाने में जुटी हुई है। साथ ही उन्होंने संबंधित विभागों को बेहतर तैयारी और गहन होमवर्क करने की सलाह दी, ताकि चुनावी प्रक्रिया सुचारु रूप से पूरी हो सके।
जनसमर्थन और सांस्कृतिक झलक
कार्यक्रम में युवाओं से लेकर वरिष्ठ नागरिकों तक ने जोश से भाग लिया। लोक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और गीतों ने माहौल को जीवंत बना दिया।
समापन पर कोश्यारी ने सभी उपस्थित लोगों का आभार जताते हुए कहा कि उनका जीवन हमेशा से समाज और संगठन के प्रति समर्पित रहा है और वे भविष्य में भी इसी मार्ग पर कार्य करते रहेंगे।
यह आयोजन एक राजनीतिक समारोह से अधिक एक सामाजिक संदेश बनकर उभरा, जिसने समाज में एकता, सहयोग और सेवा भावना को मजबूती दी।