धराली आपदा: पुनर्वास पैकेज और कल्प केदार मंदिर के पुनर्निर्माण का फैसला
Decision on rehabilitation package and reconstruction of Kalpa Kedar temple

उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में हाल ही में आई आपदा ने गहरी चोट दी है। बादल फटने से हुई तबाही में कई लोगों की जान गई और संपत्ति का भारी नुकसान हुआ। इस दर्द को भुलाया नहीं जा सकता, लेकिन राज्य सरकार ने पीड़ितों को राहत देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धराली गांव के पुनर्वास के लिए विशेष पैकेज तैयार करने और पौराणिक कल्प केदार मंदिर के पुनर्निर्माण का निर्णय लिया है।
जोशीमठ की तर्ज पर पुनर्वास योजना
आपदा के बाद से राहत, बचाव और सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है। सरकार ने घोषणा की है कि धराली गांव के प्रभावित परिवारों को पुनर्वास पैकेज दिया जाएगा, जिसकी रूपरेखा जोशीमठ के पुनर्वास मॉडल के आधार पर तैयार की जाएगी। इस पैकेज में सुरक्षित स्थान पर नए घरों का निर्माण, बुनियादी सुविधाओं का प्रावधान और आजीविका से जुड़ी सहायता शामिल होगी। इसका उद्देश्य प्रभावित परिवारों को स्थायी और सुरक्षित आवास उपलब्ध कराना है।
कल्प केदार मंदिर का पुनर्निर्माण
धराली आपदा में पौराणिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कल्प केदार मंदिर भी भारी क्षति का शिकार हुआ है। गंगोत्री धाम जाने वाले श्रद्धालु इस मंदिर में भगवान शिव के रूप में पूजे जाने वाले कल्प केदार के दर्शन करने आते थे। मलबे में दब चुके इस मंदिर के महत्व और मान्यता को देखते हुए राज्य सरकार ने इसके पुनर्निर्माण का फैसला लिया है, ताकि इसकी आस्था और पर्यटन महत्व को बनाए रखा जा सके।
आपदा का मंजर और तबाही
5 अगस्त की दोपहर करीब 1:30 बजे खीरगंगा क्षेत्र में पहाड़ी से अचानक पानी और मलबे का सैलाब उतर आया। तेज बहाव ने कुछ ही पलों में बाजार और आसपास की बस्तियों को तहस-नहस कर दिया। पानी और मलबा इतनी तेजी से नीचे आया कि लोगों को सुरक्षित स्थान पर भागने का भी मौका नहीं मिला। चंद मिनटों में पूरा बाजार मलबे के ढेर में तब्दील हो गया, जिससे जन-धन का भारी नुकसान हुआ।
सरकार की प्राथमिकता: राहत और पुनर्निर्माण
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि धराली के पुनर्वास और पुनर्निर्माण को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रभावितों को आर्थिक सहायता, आवास और रोजगार के अवसर देने के साथ-साथ धार्मिक धरोहर की बहाली पर भी जोर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री धामी ने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि पैकेज की प्रक्रिया को जल्द अंतिम रूप देकर पीड़ित परिवारों को राहत पहुंचाई जाए।
स्थानीय लोगों में उम्मीद की किरण
इन निर्णयों के बाद धराली के लोगों में उम्मीद जगी है कि न केवल उनका पुनर्वास होगा, बल्कि उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान भी फिर से स्थापित होगी। सरकार के इस कदम से आपदा से टूट चुके लोगों को नई शुरुआत करने का अवसर मिलेगा।