धनतेरस पर देशभर में बंपर खरीदारी, ₹1 लाख करोड़ का कारोबार, सोना-चांदी और कार बिक्री ने तोड़े सारे रिकॉर्ड
Dhanteras saw bumper shopping across the country, with turnover of ₹1 lakh crore, gold, silver and car sales breaking all records.

मुंबई: इस साल की दिवाली और धनतेरस भारत के खुदरा बाजार के लिए ऐतिहासिक साबित हुई। बढ़ती उपभोक्ता मांग, शादी के सीजन की शुरुआत और GST 2.0 सुधारों के असर से इस बार की फेस्टिव बिक्री ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। देशभर में सोना-चांदी, कारों, इलेक्ट्रॉनिक सामानों और घरेलू उपकरणों की बिक्री में जबरदस्त उछाल देखा गया। व्यापारिक संगठनों के अनुसार, इस बार कुल कारोबार ने ₹1 लाख करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया।
सोना-चांदी की चमक बढ़ी, खरीदारों की भीड़ उमड़ी
ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल (GJC) की रिपोर्ट के अनुसार, इस बार धनतेरस पर सोने और चांदी की बिक्री में 25% की वृद्धि दर्ज की गई। जहां सोने के सिक्कों की डिमांड सबसे अधिक रही, वहीं हल्के वजन की हॉलमार्क ज्वैलरी और चांदी की पूजा सामग्री की बिक्री में भी 40% तक बढ़ोतरी हुई।
GJC के चेयरमैन राजेश रोकड़े ने बताया, “हम अनुमान लगा रहे हैं कि इस फेस्टिव सीजन की कुल ज्वैलरी बिक्री ₹50,000 करोड़ के पार जाएगी। महंगे दामों के बावजूद उपभोक्ताओं का रुझान मजबूत है क्योंकि शादी और निवेश दोनों के लिए सोना अब भी पहली पसंद बना हुआ है।”
उन्होंने यह भी बताया कि युवाओं के बीच ‘सेल्फ-पर्चेज ट्रेंड’ तेजी से बढ़ा है। हल्के, स्टाइलिश और जिम्मेदारी से तैयार की गई ज्वैलरी की बिक्री में 15% की वृद्धि दर्ज की गई है।
ऑटो सेक्टर में रफ्तार, नए वाहनों की रिकॉर्ड डिलीवरी
इस फेस्टिव सीजन में ऑटोमोबाइल सेक्टर ने भी शानदार प्रदर्शन किया। Tata Motors के चीफ कमर्शियल ऑफिसर अमित कामत ने बताया कि कंपनी इस बार 25,000 से अधिक वाहनों की डिलीवरी की उम्मीद कर रही है। उन्होंने कहा, “GST 2.0 और आर्थिक स्थिरता से उपभोक्ता विश्वास बढ़ा है, जिससे बाजार में सकारात्मक माहौल बना है।”
वहीं Hyundai Motor India के COO तरुण गर्ग ने बताया कि इस धनतेरस पर कंपनी की बिक्री 14,000 यूनिट्स तक पहुंचने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 20% अधिक है।
खुदरा व्यापार में नई ऊर्जा, दिल्ली के बाजारों में भी रौनक
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने बताया कि धनतेरस पर देशभर में हुई खरीदारी ने इस बार नया इतिहास रच दिया। अकेले सोना-चांदी की बिक्री ₹60,000 करोड़ से अधिक रही, जबकि दिल्ली के बाजारों में लगभग ₹10,000 करोड़ का कारोबार दर्ज किया गया।
धनतेरस 2025 — आर्थिक आत्मविश्वास की मिसाल
आर्थिक जानकारों का मानना है कि यह रिकॉर्ड बिक्री भारत की तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था और उपभोक्ता विश्वास का स्पष्ट संकेत है। फेस्टिव सीजन ने न केवल रिटेल सेक्टर को नई ऊर्जा दी है, बल्कि यह इस बात का भी प्रमाण है कि भारत का उपभोक्ता अब ‘खर्च के साथ निवेश’ के सिद्धांत को अपनाने लगा है।