धनौल्टी–मसूरी आपदा: अतिवृष्टि से तबाही, बैली ब्रिज ने बनाया राहत का रास्ता
Dhanaulti-Mussoorie disaster: Heavy rains wreak havoc, Bailey Bridge provides relief

टिहरी जिले के धनौल्टी क्षेत्र में लगातार हुई मूसलाधार बारिश और भूस्खलन ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई। सकलाना इलाके के कई गांवों में घर, खेत, पेयजल लाइनें और सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। पीएमजीएसवाई की मरोड़ा–बनाल और मरोड़ा–कुंड सड़कों पर भारी मलबा और वॉश आउट होने से यातायात पूरी तरह ठप रहा। राहत कार्यों के लिए प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें लगातार सक्रिय रहीं और ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का प्रयास करती रहीं।
जनप्रतिनिधियों का स्थलीय निरीक्षण
आपदा के हालात का जायजा लेने के लिए धनौल्टी विधायक प्रीतम सिंह पंवार और जिलाधिकारी नितिका खंडेलवाल ने सकलाना के लामकांडे और हटवाल गांवों का दौरा किया। डीएम ने खेतों, पेयजल लाइन, विद्युत और सिंचाई परियोजनाओं को हुए नुकसान का बारीकी से निरीक्षण कर अधिकारियों को त्वरित राहत उपाय लागू करने के निर्देश दिए। साथ ही कृषि और उद्यान विभाग से प्रभावित किसानों की फसल क्षति का आकलन कर मुआवजा रिपोर्ट शीघ्र देने को कहा।
प्राथमिक सुविधाओं की बहाली
डीएम ने पेयजल संकट झेल रहे गांवों में अस्थायी पाइपलाइन से पानी उपलब्ध कराने और सड़कों से मलबा हटाने के लिए अतिरिक्त जेसीबी और डंपर लगाने का आदेश दिया। तहसीलदार को निर्देश दिए गए कि लामकांडे गांव के भगवान दास के क्षतिग्रस्त घर के परिवार को किराए पर वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराया जाए और विस्थापन सर्वे तुरंत कराया जाए। वहीं, हटवाल गांव में सोंग नदी के तेज बहाव से किसान पंचम सिंह हटवाल को लगभग 15 लाख ट्राउट मछलियों का नुकसान हुआ, जिस पर डीएम ने चेक डैम की ऊंचाई कम करने को कहा।
राहत सामग्री और मुआवजा
आपदा प्रभावित भगवान दास को पूर्ण मकान क्षति के लिए 1 लाख 35 हजार रुपये का राहत चेक प्रदान किया गया। प्रभावित परिवारों को राशन किट, तिरपाल, कंबल और अन्य आवश्यक सामग्री वितरित की गई। जिला पूर्ति विभाग ने ग्राम पंचायत लामकांडे, मरोड़ा, हटवाल और मटियाना गांवों के लिए 70 राशन किट भेजे, जबकि अन्य क्षेत्रों में भी सैकड़ों किट पहुंचाई गईं।
देहरादून–मसूरी मार्ग पर बैली ब्रिज बना सहारा
तेज बारिश के कारण शिव मंदिर के पास बना पुल टूटने से देहरादून–मसूरी मार्ग पूरी तरह बंद हो गया था। यह मार्ग पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए जीवनरेखा है। मात्र 48 घंटे में अस्थायी स्टील का मजबूत बैली ब्रिज तैयार कर लिया गया, जिससे यातायात दोबारा सुचारु हो गया और आपात सेवाएं बहाल हो सकीं।
मंत्री का निरीक्षण और आश्वासन
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने मौके पर पहुंचकर बैली ब्रिज निर्माण कार्य का निरीक्षण किया और टीम की तेजी से किए गए कार्य की सराहना की। उन्होंने कहा कि इतनी कम समयावधि में वैकल्पिक पुल तैयार करना प्रशासन की तत्परता का उदाहरण है। उन्होंने स्थानीय लोगों और पर्यटकों को भरोसा दिलाया कि सरकार हर प्रभावित परिवार के साथ खड़ी है और स्थायी समाधान के लिए योजनाएं बना रही है।
धनौल्टी और मसूरी में आई इस प्राकृतिक आपदा ने एक बार फिर पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश की विनाशकारी शक्ति को उजागर किया, लेकिन प्रशासन की तेज कार्रवाई और बैली ब्रिज का समय पर निर्माण प्रभावित लोगों के लिए उम्मीद की नई किरण साबित हुआ।