देहरादून असुरक्षित शहरों की सूची में शामिल, सर्वे पर बवाल
Dehradun included in the list of unsafe cities, uproar over survey

देहरादून को हाल ही में जारी एक सर्वे रिपोर्ट में महिलाओं के लिए देश के असुरक्षित शहरों में गिना गया है। इस रिपोर्ट के सामने आते ही शहर में हलचल मच गई। कई स्थानीय संगठनों और नागरिकों ने इसे महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मुद्दा बताया। वहीं पुलिस और प्रशासन ने सर्वे की पद्धति और तथ्यों पर सवाल खड़े किए हैं।
पुलिस ने किया सर्वे टीम को तलब
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि रिपोर्ट ने शहर की छवि पर नकारात्मक असर डाला है। महिला सुरक्षा के मुद्दे पर काम कर रही टीम को स्पष्टीकरण के लिए तलब किया गया है। पुलिस का तर्क है कि यदि किसी संस्था ने ऐसा सर्वे किया है तो उसे पहले आधिकारिक रूप से साझा करना चाहिए था, ताकि तथ्यों की जांच हो सके।
महिला आयोग ने भी उठाए सवाल
उत्तराखंड महिला आयोग ने भी रिपोर्ट पर आपत्ति जताई है। आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा राज्य सरकार की प्राथमिकता है और इस दिशा में लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। उनके अनुसार, बिना आधिकारिक आंकड़ों और ठोस सबूतों के किसी शहर को असुरक्षित बताना न केवल भ्रामक है, बल्कि समाज में अनावश्यक भय का माहौल भी पैदा करता है।
महिलाओं का अनुभव: सुरक्षा पर चिंताएं
वहीं दूसरी ओर, शहर की कई महिलाओं ने माना कि देर रात सड़कों पर निकलने में उन्हें डर लगता है। खासकर सुनसान क्षेत्रों और सार्वजनिक परिवहन में असुरक्षा की भावना अधिक महसूस होती है। कुछ महिलाओं ने कहा कि भले ही पुलिस गश्त बढ़ी है, लेकिन स्ट्रीट लाइट, सीसीटीवी और शिकायत तंत्र को और मजबूत करने की जरूरत है।
प्रशासन का दावा: लगातार हो रहा सुधार
देहरादून प्रशासन का कहना है कि महिला सुरक्षा को लेकर पिंक बूथ, हेल्पलाइन नंबर, रात्रि गश्त और महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती जैसी व्यवस्थाएं लगातार बढ़ाई जा रही हैं। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 500 से ज्यादा सीसीटीवी लगाए गए हैं और संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस फोर्स भी तैनात है।
आगे की राह
इस पूरे विवाद ने एक बार फिर महिला सुरक्षा को सुर्खियों में ला दिया है। जहां एक ओर सर्वे पर सवाल उठ रहे हैं, वहीं यह भी साफ है कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर समाज और प्रशासन दोनों को और सतर्क रहने की जरूरत है। अब देखना होगा कि पुलिस जांच और आगे की कार्यवाही के बाद यह मामला किस दिशा में जाता है।