देहरादून से निकली ‘खेल क्रांति’, सीएम धामी ने राज्यभर में खेल प्रतियोगिताओं का ऐलान
Dehradun ignites 'sports revolution', CM Dhami announces state-wide sports competitions

देहरादून: उत्तराखंड अब जल्द ही “खेल भूमि” के रूप में अपनी नई पहचान बनाने की ओर बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को खेल विभाग की समीक्षा बैठक में राज्य में खेल संस्कृति को मजबूत करने के लिए कई बड़े निर्णय लिए। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल खिलाड़ियों को सुविधाएं देना नहीं है, बल्कि प्रत्येक युवा के भीतर खेल भावना को विकसित करना है।
न्याय पंचायत से मुख्यमंत्री ट्रॉफी तक प्रतियोगिताओं की श्रृंखला
सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य के हर स्तर — न्याय पंचायत, ब्लॉक, जिला, विधायक, सांसद और मुख्यमंत्री चैंपियनशिप ट्रॉफी — तक खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाए। इसका उद्देश्य प्रतिभाओं को सामने लाना और गांव-गांव में खेलों के प्रति उत्साह बढ़ाना है।
‘देवभूमि’ से ‘खेल भूमि’ की ओर
बैठक के दौरान धामी ने कहा कि उत्तराखंड में खेल केवल मनोरंजन या प्रतियोगिता का माध्यम नहीं, बल्कि युवाओं की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देने का जरिया हैं। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि उत्तराखंड न केवल देवभूमि बल्कि ‘खेल भूमि’ के रूप में भी अपनी पहचान बनाए। हर गांव और कस्बे से एक खिलाड़ी निकले जो राज्य और देश का नाम रोशन करे।”
राष्ट्रीय खेलों की अवसंरचना का सतत उपयोग
सीएम ने 38वें राष्ट्रीय खेलों के दौरान निर्मित खेल अवसंरचना के रख-रखाव और उसके सक्रिय उपयोग पर बल दिया। उन्होंने कहा कि नियमित खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन से खिलाड़ियों को अभ्यास का निरंतर अवसर मिलेगा और खेल सुविधाएं निष्क्रिय नहीं रहेंगी।
खेल विश्वविद्यालय और महिला स्पोर्ट्स कॉलेज की समीक्षा
धामी ने हल्द्वानी में प्रस्तावित खेल विश्वविद्यालय और लोहाघाट में बनने वाले महिला स्पोर्ट्स कॉलेज की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को इन परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए ताकि राज्य के खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण और संसाधन मिल सकें।
खिलाड़ियों के लिए नई योजनाएं और प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री ने खेल विभाग को निर्देश दिए कि प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए अनुभवी प्रशिक्षकों की नियुक्ति, नियमित प्रशिक्षण शिविर और निजी क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को पुरस्कार, छात्रवृत्ति और बीमा सुरक्षा भी प्रदान की जाएगी।
निजी क्षेत्र और कॉरपोरेट जगत की भागीदारी
धामी ने खेल अवसंरचना के विकास में निजी क्षेत्र और कॉरपोरेट निवेश की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसी नीतियां बना रही है, जिससे निजी निवेशक स्टेडियम और प्रशिक्षण केंद्रों के निर्माण में योगदान दे सकें।
खेल संस्कृति को संस्थागत रूप देने का संकल्प
बैठक के अंत में सीएम धामी ने कहा कि खेल केवल नीति का हिस्सा नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक मिशन है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और परिणाम आधारित दृष्टिकोण अपनाया जाए।
युवा ऊर्जा और राज्य की पहचान
धामी ने विश्वास जताया कि उत्तराखंड के खिलाड़ी आने वाले समय में देश ही नहीं, दुनिया के मंच पर भी अपनी छाप छोड़ेंगे। उनका कहना था कि अनुशासन, निष्ठा और परिश्रम के गुण युवाओं को खेलों में सफलता दिलाएंगे और राज्य में खेल संस्कृति को स्थायी रूप से मजबूत करेंगे।