
उत्तराखंड में आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड धारकों को हो रही इलाज की दिक्कतों को दूर करने के लिए सरकार ने कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर स्वास्थ्य सचिव आर. राजेश कुमार ने स्पष्ट किया है कि देहरादून के तीन प्रमुख निजी अस्पतालों — जौलीग्रांट हॉस्पिटल, महंत इन्द्रेश हॉस्पिटल और ग्राफिक एरा हॉस्पिटल — में गोल्डन कार्ड से मुफ्त इलाज की सुविधा जारी रहेगी।
इलाज में बाधा बनी भुगतान समस्या
राज्य के कर्मचारियों, पेंशनर्स और उनके आश्रितों को गोल्डन कार्ड के जरिए इलाज में परेशानी का सामना करना पड़ा था। इसका मुख्य कारण अस्पतालों को इलाज के भुगतान में देरी थी। भुगतान न मिलने के कारण अस्पतालों ने इलाज देना कम कर दिया था, जिससे मरीजों को इलाज में बाधा आई।
स्वास्थ्य मंत्री ने दिया समस्या का समाधान करने का निर्देश
स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि योजना के लाभार्थियों को इलाज की सुविधा बिना रुके मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हितधारकों से बातचीत कर इस समस्या का ठोस समाधान तैयार किया जाए। स्वास्थ्य विभाग भी इस दिशा में सक्रिय है ताकि मरीजों को कोई असुविधा न हो।
वित्तीय असंतुलन से बढ़ी समस्या
वित्तीय वर्ष 2024-25 में कर्मचारियों और पेंशनर्स ने कुल 150 करोड़ रुपये अंशदान के रूप में जमा किए, जबकि इलाज पर करीब 335 करोड़ रुपये खर्च हुए। इस वजह से अस्पतालों को भुगतान नहीं हो पाया और स्थिति खराब हुई।
सरकार का उद्देश्य हर नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देना
स्वास्थ्य सचिव आर. राजेश कुमार ने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि हर पात्र नागरिक को समय पर और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जाए। आयुष्मान भारत योजना के जरिए लाखों गरीब और जरूरतमंद परिवारों को निशुल्क इलाज दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का संकल्प
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण और समय पर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। वे सुनिश्चित करना चाहते हैं कि योजना के तहत लाभार्थियों को बिना किसी बाधा के स्वास्थ्य सुविधा मिले।
उत्तराखंड सरकार की यह पहल गोल्डन कार्ड धारकों को राहत देने के साथ-साथ राज्य में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।