
ऋषिपर्णा सभागार में जनता दर्शन/जनसुनवाई का आयोजन
देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार में आयोजित जनता दर्शन/जनसुनवाई कार्यक्रम में सोमवार को 110 शिकायतें दर्ज की गईं। अधिकतर शिकायतें भूमि विवाद, अतिक्रमण, अवैध कब्जा, अवैध निर्माण, वरिष्ठ नागरिकों, एमडीडीए, लोक निर्माण विभाग, और पुलिस से संबंधित थीं। जिलाधिकारी ने सभी शिकायतों के समयबद्ध और प्रभावी समाधान के निर्देश दिए।
शिकायतें दर्ज करने के लिए मॉनिटरिंग सिस्टम का उपयोग
जनता दर्शन कार्यक्रम में प्राप्त शिकायतों को मुख्यमंत्री द्वारा शुरू किए गए लेटर मॉनिटरिंग सिस्टम ऐप पर दर्ज किया गया। इस सिस्टम से शिकायतों की स्थिति, निस्तारण की प्रगति, और किस विभाग या अधिकारी के पास शिकायत लंबित है, इसकी पूरी जानकारी ऑनलाइन मिल सकेगी। इससे शिकायतकर्ताओं को बार-बार विभागों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं की शिकायतों पर विशेष ध्यान
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं से संबंधित शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए। बुजुर्गों के साथ मारपीट की शिकायत पर पुलिस विभाग को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए गए। पुलिस के सीनियर सिटीजन सेल को सक्रिय भूमिका निभाने की हिदायत दी गई।
भूमि और अतिक्रमण की शिकायतों पर सख्त कार्रवाई
गौशाला की भूमि पर अवैध कब्जे की शिकायत पर जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी विकासनगर को अविलंब कार्रवाई के निर्देश दिए। ग्राम पंचायत छरबा की भूमि पर अतिक्रमण के मामले में भी जांच कर अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए गए।
जनहित में सख्ती का आश्वासन
जिलाधिकारी सविन बंसल ने सभी विभागीय अधिकारियों को चेतावनी दी कि जन शिकायतों को गंभीरता से न लेने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जनमानस की समस्याओं को प्राथमिकता के साथ हल करना सभी की जिम्मेदारी है।
बैठक में प्रमुख अधिकारी रहे उपस्थित
जनता दर्शन कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, अपर जिलाधिकारी जयभारत सिंह, अपर नगर आयुक्त बीर सिंह बुदियाल, और विभिन्न विभागों के अधिकारी, जिनमें लोक निर्माण, स्वास्थ्य, एमडीडीए, विद्युत, सिंचाई और पुलिस विभाग के प्रतिनिधि शामिल थे, उपस्थित रहे।
जनता दर्शन कार्यक्रम ने शिकायतकर्ताओं को अपनी समस्याओं को सीधे जिलाधिकारी के समक्ष रखने का मंच प्रदान किया। अब लेटर मॉनिटरिंग सिस्टम के माध्यम से न केवल शिकायतों की निगरानी होगी, बल्कि समाधान में भी पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।