उत्तराखंड

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व को मिलेगा STPF सुरक्षा कवच, अग्निवीरों को मिलेगा मौका

Corbett Tiger Reserve will get STPF security cover, Agniveers will get a chance

रामनगर, 1 अगस्त 2025 – उत्तराखंड का प्रमुख कॉर्बेट टाइगर रिजर्व अब विशेष सुरक्षा बल (Special Tiger Protection Force – STPF) से सुरक्षित होगा। लंबे समय से लंबित इस योजना को आखिरकार राज्य सरकार ने हरी झंडी दे दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में देहरादून से इसकी औपचारिक घोषणा की। खास बात यह है कि इस बल में केंद्र की अग्निवीर योजना से सेवा समाप्त कर चुके युवाओं को भर्ती किया जाएगा।

बाघों की सुरक्षा के लिए STPF की आवश्यकता

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व देश के सबसे पुराने और चर्चित बाघ संरक्षण क्षेत्रों में से एक है। लेकिन पिछले कई वर्षों से यहां अवैध शिकार और वन अपराधों की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषय रही हैं। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने 2008 में सभी टाइगर रिजर्व में STPF गठित करने की सिफारिश की थी, जिसे कर्नाटक, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों ने समय रहते लागू किया। लेकिन उत्तराखंड में यह प्रस्ताव प्रशासनिक अड़चनों में फंसा रहा।

कॉर्बेट पार्क लगभग 1,288 वर्ग किमी में फैला है और यहां फिलहाल 400 वनकर्मी सुरक्षा में तैनात हैं। हालांकि जंगल के दुर्गम इलाकों में नियमित निगरानी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। स्थानीय स्तर पर पूर्व सैनिकों की एक सुरक्षा टीम कार्यरत है, लेकिन संसाधनों की कमी और सीमित संख्या के कारण यह बल अपेक्षित परिणाम नहीं दे पा रहा।

STPF में अग्निवीरों की भूमिका और चयन प्रक्रिया

मुख्यमंत्री धामी ने कहा है कि चार वर्षों की सैन्य सेवा पूरी कर चुके अग्निवीरों को STPF में भर्ती का अवसर दिया जाएगा। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ये पूर्व सैनिक विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की सुरक्षा में तैनात किए जाएंगे।

पार्क वार्डन अमित ग्वासाकोटी के अनुसार, STPF के गठन से घने जंगलों में भी प्रभावी गश्त और निगरानी संभव होगी। यह न केवल मानव संसाधन की कमी को पूरा करेगा, बल्कि आधुनिक उपकरणों और प्रशिक्षण से लैस बल वन्यजीवों की रक्षा में अधिक कारगर साबित होगा।

वन्यजीव प्रेमियों की सराहना और उम्मीदें

वन्यजीव कार्यकर्ता गणेश रावत ने STPF गठन को समय की मांग बताया। उन्होंने कहा कि अगर कॉर्बेट जैसे संवेदनशील क्षेत्र में अग्निवीरों को तैनात किया जाता है तो सुरक्षा व्यवस्था और वन विभाग की कार्यक्षमता दोनों में सुधार होगा।

वहीं, मोहन पांडे जैसे वन्यजीव प्रेमियों ने इसे एक “सकारात्मक और सराहनीय कदम” बताया और उम्मीद जताई कि अब यह बल जमीन पर नजर आएगा, जिससे कॉर्बेट देश के सर्वश्रेष्ठ संरक्षित बाघ क्षेत्रों में शामिल हो सकेगा।

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