जॉर्ज एवरेस्ट टेंडर पर घमासान, कांग्रेस ने उठाए गंभीर सवाल
Controversy over George Everest tender, Congress raises serious questions

देहरादून: मसूरी स्थित प्रसिद्ध पर्यटन स्थल जॉर्ज एवरेस्ट में पर्यटन विकास को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने करोड़ों रुपये की बहुमूल्य भूमि को बेहद कम किराए पर निजी हाथों में सौंपकर घोटाले को अंजाम दिया है। कांग्रेस का कहना है कि यह प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार है और इसकी जांच सीबीआई या रिटायर्ड न्यायाधीश की अध्यक्षता में कराई जानी चाहिए।
कांग्रेस का आरोप: 30 हजार करोड़ की जमीन 1 करोड़ में पट्टे पर
यशपाल आर्य का दावा है कि मसूरी की लगभग 142 एकड़ (करीब 762 बीघा) भूमि, जिसका बाजार मूल्य करीब 30 हजार करोड़ रुपये है, को महज एक करोड़ रुपये वार्षिक किराए पर ‘राजस एयरो स्पोर्ट्स एंड एडवेंचर प्राइवेट लिमिटेड’ को 15 साल के लिए दिया गया। यह कंपनी योग गुरु बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण से जुड़ी बताई जा रही है। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि टेंडर में जिन अन्य कंपनियों ने आवेदन किया, वे भी परोक्ष रूप से बालकृष्ण से संबद्ध हैं। पार्टी का कहना है कि पर्यटन विभाग ने इस जमीन को विकसित करने के लिए पहले एशियाई विकास बैंक से 23 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, लेकिन बाद में इसे कौड़ियों के भाव किराए पर सौंप दिया गया।
सरकार का बचाव: टेंडर प्रक्रिया पारदर्शी और कानूनी
कांग्रेस के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए पर्यटन सचिव धीराज सिंह गबर्याल ने स्पष्ट किया कि जमीन का स्वामित्व पर्यटन विभाग के पास ही रहेगा और किसी भी तरह का हस्तांतरण नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1987 में जिला प्रशासन ने इस क्षेत्र का अधिग्रहण किया था और 2019 में हेरिटेज पार्क के रूप में विकास कार्य शुरू किए गए। लगभग 23.52 करोड़ रुपये की लागत से संग्रहालय, कैफे और प्रयोगशाला का निर्माण कराया गया। गबर्याल के अनुसार, एरो स्पोर्ट्स गतिविधियों के लिए 15 वर्ष का टेंडर पूरी तरह तकनीकी और वित्तीय मापदंडों के आधार पर पारदर्शी तरीके से दिया गया है।
राजनीतिक संग्राम तेज, विवाद के थमने के आसार नहीं
कांग्रेस जहां इस पूरे प्रकरण को जनता के साथ धोखा बता रही है, वहीं भाजपा ने विपक्ष के आरोपों को तथ्यों से परे और निराधार कहा है। भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि मसूरी स्थित जॉर्ज एवरेस्ट में पर्यटन गतिविधियों के लिए की गई आवेदन प्रक्रिया विधिसम्मत और पारदर्शी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विकसित स्थल की भूमि व संसाधन राज्य के स्वामित्व में ही रहेंगे और आम जनता की आवाजाही पर कोई रोक नहीं है।
जॉर्ज एवरेस्ट मसूरी का ऐतिहासिक धरोहर स्थल है, जहां से दून घाटी और हिमालयी श्रृंखला का शानदार दृश्य देखा जा सकता है। अब कांग्रेस की आक्रामकता और सरकार के बचाव के बीच यह विवाद और गहराता जा रहा है, जिससे निकट भविष्य में इसके शांत होने की संभावना कम ही दिख रही है।