
देहरादून: उत्तराखंड सरकार द्वारा हरिद्वार के राजकीय मेडिकल कॉलेज को निजी हाथों में पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर सौंपे जाने के फैसले का प्रदेश कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने इसे सरकार की प्रशासनिक नाकामी और भ्रष्टाचार का प्रतीक बताया।
“सरकार लकवा ग्रस्त या बेईमान” – धस्माना
देहरादून में आयोजित एक प्रेस वार्ता में सूर्यकांत धस्माना ने कहा,
“प्रदेश की जनता की गाढ़ी कमाई से बने मेडिकल कॉलेज को निजी हाथों में सौंपना यह साबित करता है कि या तो सरकार लकवा ग्रस्त हो चुकी है या उसने भारी भ्रष्टाचार करते हुए मोटी रकम लेकर यह कदम उठाया है।”
उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार तराई के संपन्न जिलों में स्वास्थ्य सेवाएं संचालित करने में विफल हो रही है, तो दूरदराज के पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत क्या होगी।
राज्य की जिम्मेदारियों से पीछे हट रही सरकार
कांग्रेस नेता ने कहा कि किसी भी कल्याणकारी सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी स्वास्थ्य, शिक्षा, भोजन, और सुरक्षा की होती है। लेकिन उत्तराखंड सरकार इन सभी मोर्चों पर विफल साबित हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ दी है और सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को निजी हाथों में सौंपकर सरकार जनता को सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित कर रही है।
अल्मोड़ा हादसे का उदाहरण पेश किया
धस्माना ने हाल ही में हुए अल्मोड़ा बस हादसे का जिक्र करते हुए कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और देरी से इलाज के कारण घायलों को जान गंवानी पड़ी।
“ऐसे में, राज्य सरकार को यह सोचने की जरूरत है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पतालों की हालत सुधारे बिना बड़े मेडिकल कॉलेजों को निजी हाथों में देना कितनी बड़ी लापरवाही है,” उन्होंने कहा।
सरकार के खिलाफ सड़क से सदन तक लड़ाई का ऐलान
धस्माना ने ऐलान किया कि कांग्रेस इस फैसले का सड़क से सदन तक विरोध करेगी। उन्होंने राज्य सरकार से शारदा विश्वविद्यालय के साथ हुए करार को तुरंत रद्द करने की मांग की।
प्रेस वार्ता में कई वरिष्ठ नेता मौजूद
इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा के राजनीतिक सलाहकार अमरजीत सिंह, महासचिव नवीन जोशी, प्रदेश प्रवक्ता गिरिराज हिंदवान, और सोशल मीडिया कार्यकारी अध्यक्ष विशाल मौर्य भी उपस्थित रहे।
कांग्रेस ने सरकार को दी चेतावनी
कांग्रेस ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि यदि मेडिकल कॉलेज को निजी हाथों में देने का फैसला वापस नहीं लिया गया, तो पार्टी पूरे प्रदेश में आंदोलन करेगी।