Dehradun: राजस्व वृद्धि के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश: वित्तीय मितव्ययता, नई रणनीतियों और टेक्नोलॉजी के उपयोग पर जोर,
CM Pushkar Singh Dhami's instructions for revenue increase: Emphasis on financial frugality, new strategies and use of technology

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में वित्तीय मितव्ययता पर आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक के दौरान राज्य के सभी विभागों को राजस्व संग्रहण में वृद्धि के लिए नये और इनोवेटिव प्रयास करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व वृद्धि राज्य के विकास और जनहित से जुड़ी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए बेहद आवश्यक है। उन्होंने सभी विभागीय सचिवों को इस दिशा में विशेष ध्यान देने और राजस्व के नये स्रोतों की खोज के साथ-साथ मितव्ययता के उपायों को अपनाने पर जोर दिया।
राजस्व संग्रहण की दिशा में नये प्रयास और कड़े कदम:
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि राज्य सरकार का प्रमुख उद्देश्य सुदृढ़ वित्तीय प्रबंधन और मितव्ययता सुनिश्चित करना है। उन्होंने कर संग्रहण प्रक्रिया में सुधार के साथ-साथ कर चोरी रोकने के लिए नियमित रूप से सख्त कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि राज्य की विभिन्न नीतियों और योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंचे और विकास कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता न हो। मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि केवल मितव्ययता का मतलब यह नहीं है कि कल्याणकारी योजनाओं में कटौती की जाए, बल्कि इसका उद्देश्य संसाधनों का बेहतर और कुशल उपयोग करना है ताकि लोक कल्याण के कार्यों को प्रभावी ढंग से किया जा सके।
खनन क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन, अन्य क्षेत्रों में प्रयास तेज करने के निर्देश:
मुख्यमंत्री धामी ने खनन क्षेत्र में राजस्व वृद्धि के लिए किये गए प्रयासों की सराहना की। इस वर्ष की प्रथम छमाही में खान क्षेत्र में राजस्व में 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो कुल वार्षिक लक्ष्य का 52 प्रतिशत है। उन्होंने एसजीएसटी, परिवहन, आबकारी, ऊर्जा और वानिकी जैसे क्षेत्रों में भी राजस्व वृद्धि के लिए विशेष प्रयास करने पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की कर और गैर-कर आय में वृद्धि के लिए तकनीकी नवाचारों और डिजिटल तरीकों का उपयोग किया जाना चाहिए।
मितव्ययता के आयाम और नीतियों का प्रभाव:
मुख्यमंत्री ने कहा कि मितव्ययता के अनेक आयाम हैं और सुदृढ़ कानून व्यवस्था, निवेश और आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि से राज्य की आय में इज़ाफा हो सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य की नीतियों का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए सभी विभागों को होलिस्टिक एप्रोच से काम करना होगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नीतियों और योजनाओं का स्पष्ट प्रभाव राज्य की अर्थव्यवस्था पर दिखाई देना चाहिए और नीतियों के सफल क्रियान्वयन के लिए एक मजबूत कार्य योजना बनाई जानी चाहिए।
प्रति व्यक्ति आय और पूंजीगत कार्यों में वृद्धि:
मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने पिछले 20 महीनों में राज्य की जीएसडीपी (सकल राज्य घरेलू उत्पाद) में 1.3 गुना वृद्धि दर्ज की है। इसके साथ ही राज्य की प्रति व्यक्ति आय में 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2021-22 में प्रति व्यक्ति आय 2.05 लाख रुपये थी, जो 2023-24 में बढ़कर 2.60 लाख रुपये हो गई है। इसके अलावा, राज्य ने पूंजीगत कार्यों में भी 34 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जिसमें 2023-24 के दौरान 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक के पूंजीगत कार्य पूरे किए गए।
राजकोषीय प्रबंधन और सार्वजनिक अधिप्राप्ति में सुधार:
बैठक में सार्वजनिक अधिप्राप्ति में मितव्ययता और बचत के उपायों पर भी चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) से लेकर परियोजनाओं के पूरा होने तक की प्रक्रिया में ई-गवर्नेंस और ई-मॉनिटरिंग का अधिकतम उपयोग किया जाए। साथ ही, राज्य में राजस्व संसाधनों की डिजिटल निगरानी और पेपरलेस विधियों का उपयोग बढ़ाने पर भी जोर दिया गया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित सार्वजनिक कार्यों में तेजी लाई जाए और जिन योजनाओं में केन्द्रांश और राज्यांश 90:10 के अनुपात में हों, उन्हें प्राथमिकता दी जाए।
तकनीकी नवाचार और लोक कल्याण पर ध्यान:
बैठक में मुख्यमंत्री ने राजस्व बढ़ाने के लिए नवाचार और टेक्नोलॉजी के उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने पब्लिक एसेट मैनेजमेंट और मोनेटाइजेशन, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) में सुधार, अनावश्यक खर्चों की पहचान कर उन्हें समाप्त करने और सरकारी योजनाओं के पुनरुद्धार के लिए विस्तृत चर्चा की। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि बड़े परियोजनाओं में लागत और लाभ का सही ढंग से विश्लेषण किया जाए, ताकि राज्य के संसाधनों का प्रभावी उपयोग हो सके।
बैठक में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव न्याय प्रदीप पंत, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और विभिन्न विभागों के प्रमुख उपस्थित रहे।