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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘आदि गौरव महोत्सव’ में की ‘जनजातीय विज्ञान महोत्सव’ की घोषणा, जनजातीय संस्कृति को बढ़ावा देने का लिया संकल्प

CM Dhami announced 'Tribal Science Festival' in 'Adi Gaurav Mahotsav', pledged to promote tribal culture

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को ओ.एन.जी.सी स्टेडियम, कौलागढ़ रोड में आयोजित ‘आदि गौरव महोत्सव’ कार्यक्रम में भाग लेते हुए प्रतिवर्ष ‘जनजातीय विज्ञान महोत्सव’ आयोजित करने की घोषणा की। यह महोत्सव जनजातीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से होगा, जिसके लिए उत्तराखंड जनजातीय शोध संस्थान को आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी।

जनजातीय संस्कृति का उत्सव

मुख्यमंत्री ने महोत्सव में विभिन्न राज्यों से आए जनजातीय समाज के लोगों से मुलाकात की और उनकी संस्कृति को समझा। इस अवसर पर देशभर से आए जनजातीय कलाकारों ने लोक नृत्यों की शानदार प्रस्तुति दी। मुख्यमंत्री ने जनजातीय समाज द्वारा लगाए गए विभिन्न स्टालों का अवलोकन भी किया और लोक नृत्य में भाग लिया। उन्होंने बिरसा मुंडा जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

बिरसा मुंडा का योगदान

अपने संबोधन में, मुख्यमंत्री ने बिरसा मुंडा जी के योगदान की सराहना की और कहा कि उनका संघर्ष और बलिदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा देने में महत्वपूर्ण था। उन्होंने जनजातीय समाज की कला और संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए इस महोत्सव के आयोजन की सराहना की।

केंद्र सरकार की योजनाएं

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनजातीय समाज को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए उठाए गए कदमों की चर्चा की। उन्होंने बताया कि जनजातीय समाज के विकास के लिए बजट को तीन गुना बढ़ाया गया है और एकलव्य मॉडल स्कूलों के बजट को 21 गुना तक बढ़ाया गया है। इसके अलावा, उत्तराखंड के 128 जनजातीय गांवों का चयन प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत किया गया है।

शिक्षा और कल्याण योजनाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में चार एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं, जहां जनजातीय समुदाय के छात्रों को निशुल्क शिक्षा और हॉस्टल की सुविधा मिलती है। जनजातीय बच्चों को छात्रवृत्ति और अनुसूचित जनजाति की पुत्रियों की शादी के लिए 50 हजार का अनुदान भी प्रदान किया जा रहा है।

इस अवसर पर विधायक सविता कपूर, सचिव नीरज खैरवाल, अपर सचिव संजय सिंह टोलिया और अन्य लोग मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जनजातीय समाज के विकास के लिए हमेशा संकल्पित रहेगी और उनकी सांस्कृतिक पहचान को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करेगी।

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