उत्तराखंड

उत्तराखंड में बादल फटने और भारी बारिश से हाहाकार, अलकनंदा का जलस्तर खतरे के निशान पर

Cloudburst and heavy rains cause havoc in Uttarakhand, water level of Alaknanda is at danger mark

श्रीनगर गढ़वाल: उत्तराखंड में मानसून ने एक बार फिर कहर बरपा दिया है। लगातार हो रही बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने कई जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। चमोली, टिहरी गढ़वाल और रुद्रप्रयाग जिलों में हालात गंभीर बने हुए हैं। अलकनंदा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ते हुए खतरे के निशान को छूने लगा है, जिससे नदी किनारे रहने वाले लोगों में दहशत फैल गई है। वहीं, सिरोबगड़ समेत कई इलाकों में भूस्खलन से सड़कों का संपर्क पूरी तरह टूट गया है।

चमोली में बादल फटा, दो लोग लापता

चमोली जिले के देवाल क्षेत्र के मोपाटा गांव में बादल फटने से तारा सिंह और उनकी पत्नी लापता हो गए। इस घटना में दो लोग घायल भी हुए हैं, जबकि कई घर और गौशालाएं मलबे में दब गईं। बताया जा रहा है कि करीब 15 से 20 मवेशी भी मलबे में जिंदा दफन हो गए। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया है। स्वास्थ्य, बिजली, जल निगम और पशुपालन विभाग की टीमें मौके पर तैनात की गई हैं।

अलकनंदा उफान पर, हाईवे पर पानी

श्रीनगर और आसपास के क्षेत्रों में अलकनंदा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इसका असर ऋषिकेश-बदरीनाथ नेशनल हाईवे पर भी देखने को मिला, जहां सिरोबगड़ के पास सड़क पर पानी भर गया। नदी किनारे स्थित कई घाट जलमग्न हो चुके हैं। धारी देवी मंदिर को जाने वाली लिंक सड़क तक भी पानी पहुंच गया है। यह स्थिति श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों के लिए बड़ी चिंता का कारण बनी हुई है।

खतरे के निशान से दो इंच नीचे

सिंचाई विभाग द्वारा शुक्रवार सुबह जारी रिपोर्ट के अनुसार, अलकनंदा नदी का जलस्तर 335.50 मीटर तक पहुंच चुका है, जो डेंजर लेवल से महज दो इंच नीचे है। अधिकारियों का कहना है कि यदि बारिश की तीव्रता इसी तरह बनी रही, तो नदी कभी भी खतरे के निशान को पार कर सकती है। प्रशासन ने नदी किनारे रह रहे परिवारों को सतर्क रहने की सलाह दी है और कंट्रोल रूम को पूरी तरह सक्रिय कर दिया गया है।

टिहरी और रुद्रप्रयाग भी प्रभावित

टिहरी गढ़वाल जिले के भिलंगना क्षेत्र में तेज बारिश के कारण बालगंगा और धर्मगंगा नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। नैलचामी क्षेत्र में भूस्खलन से पुल और खेतों को नुकसान पहुंचा है, जबकि पेयजल लाइनों को भी क्षति हुई है। वहीं, गेंवाली भिलंगना क्षेत्र में बादल फटने की घटना हुई, हालांकि यहां किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। रुद्रप्रयाग में भी बादल फटने से नुकसान हुआ है और प्रशासन ने त्वरित राहत कार्य शुरू कर दिए हैं।

यातायात पर संकट

लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन के चलते राज्य में यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कई राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गए हैं, जिससे यात्रियों और स्थानीय लोगों को भारी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। लोक निर्माण विभाग की टीमें लगातार मलबा हटाने और मार्ग खोलने का काम कर रही हैं।

मौसम विभाग की चेतावनी

मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे तक और बारिश की संभावना जताई है। ऐसे में हालात और बिगड़ सकते हैं। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने, अफवाहों से बचने और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क करने की अपील की है।

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