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नाबार्ड योजनाओं में धीमी प्रगति पर मुख्य सचिव की सख्त नाराजगी, दिए तेजी के निर्देश

Chief Secretary's strong displeasure over slow progress in NABARD schemes, gave instructions to speed up

स्वीकृत प्रस्तावों के सापेक्ष ऋण वितरण में तेजी लाने पर जोर

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने नाबार्ड के तहत स्वीकृत प्रस्तावों के मुकाबले विभागों द्वारा धीमी गति से ऋण वितरण पर नाराजगी जाहिर की है। सचिवालय में आरआईडीएफ (ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि) पर उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक में उन्होंने विभागों को ऋण वितरण और अदायगियों के लक्ष्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए।

प्रक्रियाओं के सरलीकरण और प्रोजेक्ट्स में तेजी के निर्देश

मुख्य सचिव ने विभागीय सचिवों और विभागाध्यक्षों को ऋण वितरण की प्रक्रिया में आ रही बाधाओं को दूर करने और प्रोजेक्ट्स की धीमी प्रगति पर तेजी से काम करने के निर्देश दिए। साथ ही नाबार्ड को प्रस्ताव भेजने की प्रक्रिया में आ रही देरी पर चिंता जताते हुए इसे सरल और तेज बनाने की जरूरत बताई।

नाबार्ड परियोजनाओं की मॉनिटरिंग पर दिया विशेष ध्यान

श्रीमती रतूड़ी ने कहा कि स्वीकृत योजनाओं की नियमित मॉनिटरिंग की जानी चाहिए। वितरण और अदायगी में आ रही समस्याओं का जल्द समाधान करते हुए प्रोजेक्ट्स को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। नाबार्ड को भी प्रस्तावों की स्वीकृति प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा गया।

आरआईडीएफ के तहत राज्य में हुए महत्वपूर्ण कार्य

मुख्य सचिव ने बताया कि आरआईडीएफ के तहत 2.39 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई सुविधाओं का सृजन और पुनर्निर्माण किया गया है। 15,570 किमी ग्रामीण सड़कों और 27,729 मीटर पुलों का निर्माण हो चुका है। 23.77 लाख ग्रामीण आबादी को पेयजल सुविधा प्रदान की गई है, जबकि 239 स्कूलों और आईटीआई का निर्माण और पुनर्निर्माण पूरा हो चुका है।

बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति

इस बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, सचिव श्री नितेश झा, श्री दिलीप जावलकर, श्री पंकज कुमार पाण्डेय समेत संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में परियोजनाओं की प्रगति का विश्लेषण करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।

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