
पौड़ी: कोटद्वार में सरकारी नौकरी का झांसा देकर युवक से 30 लाख रुपये ठगने के मामले में पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। इससे पहले इस केस में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। अब पुलिस ने झारखंड के धनबाद से एक महिला आरोपी को दबोचा है, जिसे ट्रांजिट रिमांड पर कोटद्वार लाया गया है। पुलिस अब पूरे मामले की आगे की जांच में जुटी है।
फर्जी नियुक्ति पत्र देकर की थी ठगी
यह मामला 8 सितंबर 2024 को सामने आया, जब कोटद्वार निवासी मयंक नेगी ने कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि दिल्ली के सतीश कुमार और राजकुमार बनर्जी उर्फ सुब्रुतो ने ईस्टर्न रेलवे में ‘ग्रुप C’ की सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर उससे 30 लाख 70 हजार 550 रुपये (₹30,70,550) ऐंठ लिए।
आरोपियों ने उसे फर्जी नियुक्ति पत्र और ईस्टर्न रेलवे का आई-कार्ड देकर भरोसे में लिया और रकम वसूल ली। जब मयंक को ठगी का एहसास हुआ, तो उसने तुरंत पुलिस से शिकायत की।
अब तक 3 आरोपी गिरफ्तार, चौथी महिला को झारखंड से दबोचा
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपियों की धरपकड़ शुरू की।
- 23 नवंबर 2024 को मुख्य आरोपी सतीश कुमार को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया।
- 1 दिसंबर 2024 को सुभब्रत रॉय को कोलकाता से पकड़ा गया।
- 28 दिसंबर 2024 को छोटू पासवान को धनबाद, झारखंड से गिरफ्तार किया गया।
- अब 22 मार्च 2025 को झारखंड के धनबाद से एक महिला आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।
इस महिला की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने 5000 रुपये का इनाम घोषित किया था, क्योंकि यह गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार अपने ठिकाने बदल रही थी।
झारखंड से गिरफ्तार हुई महिला आरोपी
गिरफ्तार महिला की पहचान राजेंद्र चौधरी की पत्नी (उम्र 45 वर्ष), निवासी तारकेश्वर पुली, चम्पदानी, भद्रेश्वर, जिला हुगली, पश्चिम बंगाल के रूप में हुई है।
पुलिस ने महिला को धनबाद के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया, जहां से उसे ट्रांजिट रिमांड पर कोटद्वार लाया गया। आज उसे अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, कोटद्वार के समक्ष पेश किया जाएगा।
गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपी
- सतीश कुमार (उम्र 46 वर्ष) – निवासी कुतुब विहार, गोयल डेयरी, साउथ दिल्ली
- सुभब्रत रॉय (उम्र 54 वर्ष) – निवासी श्यामा प्रसाद मुखर्जी देशबंधु नगर, बागुईहाटी, कोलकाता, पश्चिम बंगाल
- छोटू पासवान (उम्र 47 वर्ष) – निवासी कुसुन्डा, धनबाद, झारखंड
पुलिस की कार्रवाई जारी, और भी खुलासे संभव
पुलिस अब यह जांच कर रही है कि इस गैंग ने और कितने लोगों को ठगी का शिकार बनाया है। संभावना है कि यह रैकेट देश के अलग-अलग हिस्सों में इसी तरह से लोगों को ठगता रहा है। पुलिस को उम्मीद है कि चौथी आरोपी से पूछताछ के बाद कुछ और बड़े खुलासे हो सकते हैं।
क्या सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी करने वाला यह गिरोह किसी और राज्यों में भी सक्रिय था?
क्या इस केस में और भी आरोपी शामिल हैं?
इन सवालों के जवाब पुलिस जांच के बाद सामने आएंगे।