
बदरीनाथ के पास माणा में एवलॉन्च से बड़ा हादसा
उत्तराखंड के चमोली जिले में बदरीनाथ धाम के पास माणा में एवलॉन्च आने से बड़ा हादसा हो गया। इस आपदा में अब तक चार मजदूरों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि पांच मजदूर अब भी मलबे में दबे हुए हैं। सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया गया है और मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन में छह हेलीकॉप्टर तैनात
सेना के पीआरओ ले. कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि बचाव अभियान में कुल 6 हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं। इसमें शामिल हैं:
- भारतीय सेना के तीन चीता हेलीकॉप्टर
- वायु सेना के दो चीता हेलीकॉप्टर
- भारतीय सेना द्वारा किराए पर लिया गया एक नागरिक हेलीकॉप्टर
भारी बर्फबारी के कारण सभी रास्ते बंद हो चुके हैं, इसलिए मजदूरों को हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट किया जा रहा है। प्राथमिकता गंभीर रूप से घायल मजदूरों को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने की है।
एवलॉन्च में 55 मजदूर दबे थे, रातभर रुका रहा रेस्क्यू ऑपरेशन
शुक्रवार, 28 फरवरी को सुबह 4 से 5 बजे के बीच सीमा सड़क संगठन (BRO) का माणा कैंप एवलॉन्च की चपेट में आ गया।
- इस एवलॉन्च में कुल 55 मजदूर दब गए थे।
- रेस्क्यू ऑपरेशन शुक्रवार सुबह से ही चल रहा था, लेकिन भारी बर्फबारी के कारण रात में रोकना पड़ा।
- अब तक 33 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है, जबकि 22 मजदूर अभी तक फंसे हुए थे।
सुबह फिर शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन
1 मार्च की सुबह होते ही सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन दोबारा शुरू किया।
- अब तक 17 और मजदूरों को बचा लिया गया है।
- पांच मजदूर अब भी लापता हैं और उनकी तलाश जारी है।
- आज मौसम साफ होने से रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी आई है।
- हेलीकॉप्टर की मदद से मजदूरों को एयरलिफ्ट किया जा रहा है।
- गंभीर रूप से घायल चार मजदूरों की मौत हो चुकी है।
अब भी जारी है रेस्क्यू अभियान
प्रशासन और सेना की टीमें फंसे हुए मजदूरों को बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं। राज्य सरकार और केंद्र सरकार भी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। सेना और बचाव दल तेजी से राहत कार्य में जुटे हुए हैं, ताकि जल्द से जल्द सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।