उत्तराखंड

उत्तरकाशी में यमुना का रौद्र रूप, स्यानाचट्टी में बारिश से मचा हड़कंप, होटल और स्कूल खतरे में

Yamuna's fierce form in Uttarkashi, Rain causes chaos in Syanachatti, hotels and schools in danger

नदी का उफान बना संकट का कारण

उत्तराखंड में मानसून का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार बारिश के चलते उत्तरकाशी जनपद के स्यानाचट्टी क्षेत्र में यमुना नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। शुक्रवार सुबह अचानक नदी का जलस्तर बढ़ने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। तेज बहाव के कारण नदी किनारे बसे होटल, मकान और अन्य भवनों के निचले हिस्सों में पानी भर गया। नदी का पानी अब रिहायशी इलाकों तक पहुंच गया है, जिससे लोगों में भय का माहौल है।

स्थानीय नागरिकों की गुहार: हालात संभालिए वरना देर हो जाएगी

गांव के निवासी गोपाल, पंकज और कुलदीप ने प्रशासन से अपील की है कि समय रहते आवश्यक कदम उठाए जाएं, वरना किसी भी समय जनहानि हो सकती है। उनका कहना है कि गुरुवार रात से ही नदी का बहाव तेज हो गया था, लेकिन शुक्रवार सुबह हालात पूरी तरह बिगड़ गए। भारी सिल्ट (गाद) आने से यमुना का तल ऊंचा हो गया है, जिससे नदी का पानी आसपास के घरों और गलियों में घुस गया है।

पुल और विद्यालय भी खतरे की जद में

सबसे गंभीर स्थिति स्यानाचट्टी पुल की बताई जा रही है। यह पुल क्षेत्र के संपर्क का मुख्य साधन है, जो अब तेज बहाव की चपेट में आ गया है। इसके अलावा, यमुना के पास स्थित एक माध्यमिक विद्यालय भी खतरे की जद में है, जहां आसपास के गांवों के दर्जनों बच्चे पढ़ाई करते हैं। यदि समय रहते हालात पर काबू नहीं पाया गया, तो कोई बड़ा हादसा हो सकता है।

प्रशासन से तीन प्रमुख मांगें

स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से तीन बिंदुओं पर तुरंत कार्रवाई की मांग की है:

  1. यमुना के जलस्तर को नियंत्रित करने हेतु इंजीनियरिंग उपाय किए जाएं।
  2. नदी किनारे स्थित भवनों और पुलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
  3. प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर पुनर्वास की व्यवस्था की जाए।

पूरे उत्तराखंड में अलर्ट, हालात चिंताजनक

केवल उत्तरकाशी ही नहीं, बल्कि पूरा उत्तराखंड इस समय भारी बारिश से प्रभावित है। मौसम विभाग ने राज्य भर में रेड अलर्ट जारी किया है। यमुना, भागीरथी, अलकनंदा सहित अन्य नदियां खतरे के निशान के करीब बह रही हैं। राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग से उम्मीद की जा रही है कि समय रहते स्थिति को नियंत्रित कर नुकसान को टाला जा सके।

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